रूस-यूक्रेन युद्ध का आज 26वां दिन है. युद्ध खत्म होने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं. दोनों देशों के बीच कई वार्ता भी हुई लेकिन अभी तक शांति की उम्मीद नहीं दिख रही है. कहा जाता है कि युद्ध कहीं भी किसी भी समय हो, इसकी कीमत सबसे अधिक महिलाओं और बच्चों को ही चुकानी पड़ती है. रूस-यूक्रेन युद्ध में भी ऐसा ही हो रहा है. यूक्रेन में रूसी आक्रमण की शुरुआत के बाद से 115 बच्चे मारे गए. यूक्रेन के अभियोजक जनरल के कार्यालय के अनुसार, 140 से अधिक घायल हुए हैं.
यूके रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि रूसी सेना ने पूर्वी यूक्रेन के कई शहरों को घेरना जारी रखा है.रूस ने शहरी क्षेत्रों में अंधाधुंध गोलाबारी की है जिसके परिणामस्वरूप व्यापक विनाश हुआ है और बड़ी संख्या में नागरिक हताहत हुए हैं.
रूसी बमबारी से ध्वस्त हुए मैरियूपोल के एक थियेटर के मलबे से तीसरे दिन भी 1100 से ज्यादा लोग नहीं निकाले जा सके हैं. थियेटर के बेसमेंट में 1300 लोगों ने शरण ली थी, इनमें से 130 को ही निकाला जा सका है.थियेटर ऊपर से पूरी तरह खंडहर में बदल चुका है.स्थानीय आपातकालीन सेवाओं से जुड़े लोगों के मुताबिक बुधवार को हुए इस हमले के तीन दिन बाद शनिवार तक जारी राहत और बचाव कार्य में बड़ी कामयाबी नहीं मिली है. थियेटर में ज्यादातर महिला और बच्चे छिपे थे.
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जैसे-जैसे वक्त बीत रहा है, मलबे में लोगों के सुरक्षित बचने की उम्मीदें भी खत्म होती जा रही हैं.शनिवार को स्थानीय सांसद ने बताया कि रूस की तरफ से बार-बार बचाव दल पर हमला किया जा रहा है, जिससे और मुश्किल हो रही है.मैरियूपोल के मेयर वादयम बोइचेंको ने कहा, सिटी सेंटर को भी रूसी टैंक, हवाई हमलों और सैनिकों ने रौंद डाला है.शहर में जमीन का कोई ऐसा टुकड़ा नहीं, जहां रूसी हमले के निशान नहीं दिख रहे हों.