यूक्रेन और रूस के बीच छिड़ी जंग अब खतरनाक दौर में प्रवेश करती नजर आ रही है. इस युद्ध में अब परमाणु हमले का भी खतरा मंडराने लगा है. दरअसल, रूस का आरोप है कि यूक्रेन उस पर डर्टी बम से हमला करने की योजना बना रहा है. रूस संयुक्त राष्ट्र और इंटरनेशनल कम्युनिटी में भी इस बात को जोरो शोरों से उठा रहा है. रूस का कहना है कि अगर यूक्रेन ऐसा करता है तो उसको पास सारे विकल्प खुले हैं और इन विकल्पों में परमाणु हमला भी हो सकता है. इसके साथ ही रूस ने अपने परमाणु हथियारों की ड्रिल भी शुरू कर दी है. अमेरिका समेत पूरा पश्चिमी जगत इस बात को काफी गंभीरता से ले रहा है. यही वजह है कि अमेरिका ने यूक्रेन में रह रहे अपने नागरिकों को तुरंत स्वदेश लौटने की अपील की है.
वहीं, रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच पुतिन की सेना ने न्यूक्लियर हमले से जुड़ा युद्धाभ्यास किया है। इसे 'तीसरे विश्वयुद्ध' का युद्धाभ्यास भी कहा जा रहा है। रूस के इस आक्रामक रुख को देखते हुए अब अमेरिका हाई अलर्ट पर है। बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका उच्च सटीकता वाले टैक्टिकल न्यूक्लियर बमों की यूरोप में आपूर्ति बढ़ाने में लगा है। बुधवार को पुतिन ने जल, थल और वायु सेना के युद्धाभ्यास का निरीक्षण किया। एक रूसी कर्नल के मुताबिक ये ब्रिटेन और अमेरिका को खत्म करने का अभ्यास था।
रूस को जवाब देने के लिए अमेरिकी सेना और नेवी ने हाइपरसोनिक हथियार का टेस्ट किया। इतना ही नहीं अब अमेरिका ने फैसला किया है कि सबसे बुरी स्थिति के लिए तैयार रहते हुए दर्जनों हथियार हफ्ते भर में नाटो के प्रमुख ठिकानों पर भेजे जाएंगे। इन नए हथियारों में B61-12 थर्मोन्यूक्लियर बम हैं, जिन्हें अब तक का सबसे खतरनाक परमाणु उपकरण माना जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक इसकी क्षमता 50 हजार टन से 300 टन TNT के बीच कंट्रोल की जा सकती है। इसे अब तक का सबसे सटीक हथियार माना जाता है।
Source : News Nation Bureau