कोरोनावायरस वैक्सीन पंजीकरण को लेकर एक शीर्ष श्वसन चिकित्सक ने रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय की नैतिकता परिषद को छोड़ दिया, जबकि देश ने एक महत्वपूर्ण फेज-3 टेस्ट करने से पहले ही कोरोना वैक्सीन के पंजीकरण के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया. मेलऑनलाइन ने यह जानकारी दी. गुरुवार को रिपोर्ट में कहा गया कि ऐसा प्रतीत होता है कि प्रोफेसर अलेक्जेंडर चुचलिन नैतिकता परिषद को छोड़ने से पहले, 'सुरक्षा' आधार पर वैक्सीन के पंजीकरण को रोकना चाहते थे.
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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को घोषणा की कि देश ने दुनिया का पहला कोविड-19 वैक्सीन पंजीकृत किया है. बाद में, बुधवार को रूसी स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को ने कहा कि देश दो सप्ताह के भीतर वैक्सीन का उत्पादन शुरू कर देगा. हालांकि, वैक्सीन के उत्पादन में तेजी दिखाने को लेकर देश को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है.
संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी के एक अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को इसकी प्रभावशीलता पर टिप्पणी करने के लिए वैक्सीन के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है. चुचलिन के इस्तीफे से पता चलता है कि वैक्सीन 'स्पुतनिक 5' को देश के भीतर भी आलोचना का सामना करना पड़ा.
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मेलऑनलाइन की रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि उनके इस्तीफे का कोई विशेष कारण नहीं बताया गया. हालांकि, छोड़ने से कुछ समय पहले, एक विज्ञान पत्रिका 'नौका आई झिज्न' को दिए साक्षात्कार में चुचलिन ने किसी भी दवा या वैक्सीन को मंजूरी देने से पहले सुरक्षा सुनिश्चित करने के महत्व को रेखांकित किया था.
चुचलिन ने साक्षात्कार में कहा था, "एक दवा या वैक्सीन के मामले में, नैतिक समीक्षकों के रूप में सबसे पहले यह समझना चाहते हैं कि यह इंसानों के लिए कितना सुरक्षित है."
Source : IANS