विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी से मुलाकात की और उन्हें संयुक्त आयोग की बैठक के नतीजों तथा द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति से अवगत कराया. एक दिन पहले दोनों देश रणनीतिक महत्व के चाबहार बंदरगाह पर कार्य में तेजी लाने के लिए सहमत हुए थे. जयशंकर दो दिवसीय यात्रा पर ईरान में हैं. उन्होंने अपने ईरानी समकक्ष जवाद जरीफ के साथ रविवार को 19 वें संयुक्त आयोग बैठक की सह-अध्यक्षता की.
इस दौरान दोनों देश रणनीतिक चाबहार परियोजना पर कार्य में तेजी लाने को भी सहमत हुए. जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘मेरी इतनी शालीनतापूर्वक अगवानी करने के लिए धन्यवाद राष्ट्रपति डॉ हसन रूहानी. उन्हें संयुक्त आयोग के नतीजों से और हमारे द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति से अवगत कराया.’’ गौरतलब है कि ईरान के दक्षिण छोर पर हिंद महासागर में स्थित चाबहार बंदरगाह को भारत, ईरान और अफगानिस्तान संयुक्त रूप से विकसित कर रहे हैं. इसे मध्य एशियाई देशों के साथ व्यापार के लिए स्वर्णिम अवसरों का द्वार माना जा रहा है. जयशंकर ने ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद से भी मुलाकात की और क्षेत्रीय सुरक्षा एवं द्विपक्षीय संबंधों के कई मुद्दों पर चर्चा की.
उन्होंने कहा कि ईरान के विदेश मंत्री के साथ क्षेत्रीय एवं वैश्विक परिदृश्य पर उनकी बहुत अच्छी बातचीत हुई. उन्होंने कहा, ‘‘भारत और ईरान अपने साझा हितों पर करीबी रूप से काम करते रहेंगे.’’ विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘उन्होंने शाहिद बेहेश्ती बंदरगाह, चाबहार के क्रियान्वयन में हासिल हुई प्रगति पर संतोष प्रकट किया और स्वीकार किया कि यह भारतीय उपमहाद्वीप,ईरान, अफगानिस्तान, मध्य एशिया और यूरोप के बीच एक प्रवेश द्वार के रूप में काम करने में सक्षम है.’’ बयान में कहा गया है, ‘‘वे इस बात पर सहमत हुए कि आतंकवाद को राजकीय सहायता, उकसावे और समर्थन की निंदा की जानी चाहिए.’’ उल्लेखनीय है कि भारत तेल का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है. हाल फिलहाल तक इराक और सऊदी अरब के बाद ईरान तीसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता (भारत को तेल का) है.
Source : Bhasha