भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक सलमान रुश्दी ने कहा कि उनकी किताब 'द गोल्डन हाउस' ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप के चुने जाने की भविष्यवाणी कर दी थी। हालांकि, उन्हें हिलेरी क्लिंटन की जीत का भरोसा था।
समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, 2013 में हेंस क्रिश्चियन एंडरसन पुरस्कार जीत चुके रुश्दी ने यहां शनिवार को हे महोत्सव के 13वें संस्करण में कोलम्बियाई लेखक जुआन गैब्रिएल वास्क्वेज के साथ एक चर्चा में भाग लिया।
मुंबई में जन्मे 70 वर्षीय लेखक ने कहा कि उनकी किताब जानती थी कि क्या होने वाला है, लेकिन उन्हें इसका भान नहीं था क्योंकि उपन्यास का अपना विवेक होता है। उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि कला का एक हिस्सा कलाकार से कहीं ज्यादा जानता है।
रुश्दी ने स्पष्ट किया कि 'द गोल्डन हाउस' किताब ट्रंप पर नहीं बल्कि अमेरिका में ध्रुवीकरण पर आधारित है।
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उन्होंने किताब लिखने की तुलना सांड की लड़ाई से की, जहां सांड की लड़ाई लड़ने वाले को उसके सींगों से घायल होने और खूनी चोट से जख्मी होने के अंदेशे के बीच उसे पकड़ने के लिए उसके पीछे दौड़ना पड़ता है।
लेखक ने कहा कि किताब लिखना बेहद रोमांचक अनुभव होता है क्योंकि यह एक तरह से सांड से बच निकलने के जैसा ही है। अगर, किसी ने इसे खराब लिखा तो यह गुजरे कल के अखबार की तरह बेमतलब और अप्रासंगिक हो जाएगा, लेकिन अगर यह सफल हुआ तो यह एक ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बन सकता है।
रुश्दी ने उस फतवे को भी याद किया, जिसे उनके खिलाफ ईरानी धर्मगुरु अयातुल्ला खोमेनी ने 'द सैटनिक वर्सेज' किताब लिखने पर ईशनिंदा करने का आरोप लगाते हुए जारी किया था।
रुश्दी के उपन्यास 'मिड नाइट चिल्ड्रन' को लोगों ने बुकर प्राइज के 40 सालों के इतिहास में सर्वश्रेष्ठ विजेता के रूप में चुना। उन्होंने कहा कि जब वह कोई बात किताब में लिखते हैं और वह बात सच हो जाती है, तो उन्हें इस बात से घृणा होती है। लेखक ने कहा कि उन्हें भविष्यवक्ता बनने की इच्छा नहीं है।
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Source : IANS