सऊदी अरब की सरकार ने यहां की महिलाओं को खुशखबरी दी है. अब 21 साल के ऊपर की महिलाएं खुद पासपोर्ट ले सकती हैं, शादी कर सकती हैं और बिना अभिभावक की इजाजत के देश भी छोड़ सकती हैं. पिछले कुछ सालों से सऊदी अरब की सरकार महिलाओं के लिए उदारवादी रवैया अपनाई हुई है. यह सब हुआ है सऊदी अरब क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान के सत्ता में आने के बाद से. अभी दो साल पहले ही यहां की महिलाओं को फुटबॉल स्टेडियम में बैठकर मैच देखने की इजाजत मिली थी. वहीं पिछले साल जून में महिलाओं को ड्राइविंग की छूट भी दी गई थी.
सरकारी अखबार ओकाज ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के हवाले से बताया कि नए कानून के तहत सऊदी अरब में महिलाएं किसी पुरुष ‘‘संरक्षक'' की अनुमति के बिना भी विदेश यात्रा कर सकेंगी.
महिलाओं पर इस प्रतिबंध के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सऊदी अरब आलोचनाओं का शिकार हो रहा था और इसी के कारण कई महिलाओं ने देश से भागने की कोशिश की थी.अब वह पुरानी संरक्षण प्रणाली समाप्त हो जाएगी जिसके तहत कानूनन महिलाओं को स्थायी रूप से नाबालिग समझा जाता है.
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विजन 2030 का असर
दरअसल सऊदी अरब की गिनती दुनिया के सबसे कट्टरपंथी देश के तौर पर होती है, जहां महिलाओं के लिए पाबंदियां बहुत ज्यादा और सख्त हैं. हालांकि, देश विजन 2030 के तहत तेल के निर्यात से होने वाले राजस्व पर निर्भरता कम करना चाहता है. प्रिंस सलमान महिलाओं पर लगी पाबंदियों और नियम-कायदों को ढील देने के साथ सऊदी के लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने जैसे फैसले लिए हैं.