पनामा पेपर्स लीक मामले में बुरे फंसते नजर आ रहे हैं पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ। पाक सुप्रीम कोर्ट ने पनामा लीक मामले में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, उनकी बेटी मरियम नवाज उनके रिश्तेदार हसन नवाज, हुसैन नवाज, पूर्व कैप्टन सफदर, वित्त मंत्री ईशाक डार, डायरेक्टर जेनरल फेडरल जांच एजेंसी, आयकर विभाग के फेडरल बोर्ड के चेयरमैन और अटॉर्नी जनरल को नोटिस जारी किया है।
पाकिस्तान के चीफ जस्टिस अनवर जहीर जमाली की अध्यक्षता में तीन जजों की बेंच ने एक याचिका पर ये नोटिस जारी किया है जिसमें प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पनामा पेपर लीक मामले की वजह से अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है। हालांकि मामले की सुनवाई को 2 हफ्ते के लिए टाल दिया गया है।
नवाज शरीफ के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका देने वाले पाकिस्तानी तहरीके इन्साफ पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी कानून से ऊपर नहीं है और अदालत की सुनवाई देश के प्रति जवाबदेही की प्रकिया में पहला कदम है।'
इमरान खान ने कहा कि उन्होंने अदालत से मामले की स्पीडी ट्रायल करने की भी अपील की है। 'खान ने कहा, 'तीन साल से न्याय के लिए वो लड़ रहे हैं और न्याय मिलने में देरी होना न्याय नहीं मिलने जैसा ही होता है।'
इमरान खान के मुताबिक, 'उन्हें संसद से कोई उम्मीद नहीं बची है लेकिन अदालत के फैसले से उन्हें उम्मीद जगी है।' कोर्ट के नोटिस देने से उत्साहित इमरान ने कहा कि 'किसी नेता के खिलाफ प्रदर्शन करना उनका संवैधानिक अधिकार है और हमारा प्रदर्शन नवाज शरीफ समेत हर भ्रष्टचार में लिप्त संस्था के खिलाफ है।'
पनामा पेपर्स लीक मामले में नवाज शरीफ का नाम आने के बाद पाकिस्तान की मुख्य विपक्षी पार्टी तहरीक-ए-इन्साफ ने नवाज शरीफ की कड़ी आलोचना की थी और उन पर आपराधिक केस चलाकर उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटाने की मांग की थी। नवाज शरीफ के पद नहीं छोड़ने पर तहरीक-ए-इन्साफ पार्टी ने राजधानी इस्लामाबाद को बंद करने की धमकी भी दी थी।
Source : News Nation Bureau