Advertisment

शरीफ ने दोहराई भारत से स्थायी शांति की बात, कहा- युद्ध कोई विकल्प नहीं

वजीर-ए-आजम शहबाज शरीफ ने कहा, 'पाकिस्तान क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए दृढ़ संकल्पित है. हालांकि स्थायी शांति संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुरूप कश्मीर मुद्दे के समाधान से सीधे तौर से जुड़ी है.'

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
Shehbaz Sharif

शहबाज शरीफ अब आलाप रहे भारत से शांति का राग.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने विगत कुछ घंटों में भारत से स्थायी शांति की फिर से वकालत की है. हॉवर्ड यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स से बात करते हुए उन्होंने इस्लामाबाद की भारत से स्थायी शांतिपूर्ण संबंधों की इच्छा जाहिर की. उन्होंने कहा इसके लिए सभी मसलों पर बातचीत ही एकमात्र हल है और दोनों ही देशों के लिए युद्ध कोई विकल्प नहीं हैं. हालांकि उन्होंने इसके साथ ही जोर देकर कहा कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में स्थायी शांति कश्मीर (Kashmir) मसले के समाधान से जुड़ी हुई है. इसके पहले ऑस्ट्रेलिया के नवनियक्त राजदूत नील हांकिंस से शिष्टाचार भेंट के दौरान भी शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) ने भारत (India) के साथ शांतिपूर्ण संबंधों की बात की थी. हालांकि तब भी वे जम्मू-कश्मीर का जिक्र करना नहीं भूले थे. 

पाकिस्तान की चुनौतियों पर भी की चर्चा
हॉवर्ड यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स के एक प्रतिनिधिमंडल से बात करते हुए वजीर-ए-आजम शहबाज शरीफ ने कहा, 'पाकिस्तान क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए दृढ़ संकल्पित है. हालांकि स्थायी शांति संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुरूप कश्मीर मुद्दे के समाधान से सीधे तौर से जुड़ी है.' उन्होंने कहा कि हम भारत संग स्थायी शांतिपूर्ण संबंधों के इच्छुक हैं, क्योंकि युद्ध दोनों ही देशों के लिए कोई विकल्प नहीं हैं. इसके साथ ही शरीफ ने कहा कि इस्लामाबाद और नई दिल्ली को व्यापार और अर्थव्यवस्था के मामले में प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए. इसके साथ ही शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान के समक्ष विद्यमान चुनौतियों पर बातचीत की. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वर्तमान आर्थिक संकट दशकों तक रही राजनीतिक अस्थिरता और ढांचागत समस्याओं की देन है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के जन्म के शुरुआती कुछ दशकों में अर्थव्यवस्था ने प्रत्येक क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन कर विकास किया था. उस वक्त राष्ट्रीय इच्छाशक्ति थी, बेहतरीन योजनाएं और उन्हें अमल में लाने के लिए सुगठित तंत्र था, जिसके अच्छे परिणाम प्राप्त हुए थे. 

यह भी पढ़ेंः कौन सा तेल खाएं और कितनी मात्रा में, जानें फैट्स से जुड़ी कुछ जरूरी बातें

जम्मू-कश्मीर विवाद हल में फिर मांगी अंतरराष्ट्रीय मदद
इसके पहले ऑस्ट्रेलिया के नवनियक्त राजदूत नील हांकिंस से शिष्टाचार भेंट में भी शरीफ ने भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंधों की वकालत की थी. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक पीएम शहबाज शरीफ ने कहा था, 'संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के अनुरूप जम्मू-कश्मीर विवाद का न्यायसंगत और शांतिपूर्ण समाधान क्षेत्रीय शांति-स्थिरता के लिए बेहद जरूरी है'. गौरतलब है कि भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंधों पर पीएम शरीफ का बयान भूतपूर्व पाकिस्तानी पीएम इमरान खान के उस बयान के बाद आया है, जिसमें नियाजी खान ने भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की जमकर सराहना की थी. उन्होंने कहा था कि रूस से कच्चे तेल की खरीद पर प्रश्न उठाने वाले पश्चिमी देशों को भारत की विदेश नीति ने करारा जवाब दिया.

HIGHLIGHTS

  • शहबाज शरीफ ने युद्ध को विकल्प मानने से किया इंकार
  • आर्थिक संकट का ठीकरा ढांचागत समस्याओं पर फोड़ा
  • जम्मू-कश्मीर पर फिर राग छेड़ने से खुद को नहीं रोक सके
INDIA pakistan jammu-kashmir पाकिस्तान भारत shehbaz sharif kashmir शहबाज शरीफ जम्मू कश्मीर कश्मीर Permanent Peace
Advertisment
Advertisment