भारत (India) के मुसलमानों की कथित दुर्दशा की वैश्विक मंचों पर दुहाई देने वाली पाकिस्तान (Pakistan) के वजीर-ए-आजम इमरान खान (Imran Khan) अपने देश में मुसलमानों के अलग-अलग फिकरों को एक नहीं रख पा रहे हैं. स्थिति यह आ गई है कि पाकिस्तान में शिया-सुन्नी मुसलमान एक-दूसरे के खिलाफ यहां तक आ चुके हैं कि पूरा पाकिस्तान कभी भी गृह युद्ध (Civil War) की चपेट में आ चुका है. यहां तक कि आतंकी संगठन सिपाह-ए-सहाबा पाकिस्तान की अपील के बाद सुन्नी (Sunni) समुदाय के हजारों लोग शिया (Shia) मुसलमानों के खिलाफ सड़क पर उतर आए. प्रदर्शन में शिया मुसलमानों को काफिर कहा गया और उन्हें मारने की धमकी देने वाले नारे लगाए गए.
कराची में जमा हुए हजारों सुन्नी
बीते दिन पाकिस्तान के कराची में हजारों लोग शिया-विरोधी प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतर आए. इसके साथ ही देश में दंगों की आशंका पैदा होने लगी है. सोशल मीडिया पर पहले से ही प्रदर्शन की चर्चा तेज है. लोग पोस्ट, फोटो और वीडियो शेयर कर रहे हैं. इस दौरान 'शिया काफिर हैं' के नारे बुलंद किए जा रहे हैं और आतंकी संगठन सिपाह-ए-सहाबा पाकिस्तान के बैनर लहराए जा रहे हैं. संगठन शियाओं की हत्या के लिए ही कुख्यात है.
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मुहर्रम को लेकर हमला
दरअसल, पिछले महीने मुहर्रम पर आशूरा जुलूस का टीवी चैनल पर प्रसारण किया गया. आरोप है कि शिया धर्म गुरुओं ने इस्लाम के खिलाफ कमेंट किया. इसके बाद देश में कई शिया मुस्लिमों पर धार्मिक पुस्तकों को पढ़ने और आशूरा जुलूस में हिस्सा लेने के लिए हमला किया. शिया नेताओं के टीवी पर इस्लाम के खिलाफ बयान दिया था. इसके बाद से विरोध प्रदर्शन जारी हैं. सोशल मीडिया पर #ShieGenocide भी ट्रेंड कर रहा है.
इमरान खान की शह है सुन्नी मुसलमानों को
आफरीन नाम की कार्यकर्ता के मुताबिक शिया मुसलमानों को धार्मिक शास्त्र पढ़ने के लिए और मुहर्रम शुरू होने पर आशूरा में हिस्सा लेने के लिए हमला किया जाता है. आफरीन ने कहा है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान शिया मुस्लिमों के खिलाफ नफरत का समर्थन करने के लिए जिम्मेदार हैं. कुछ लोग तो यहां तक बताते हैं कि इमरान खान और आईएसआई शिया-सुन्नी के विवाद को हवा देकर भारत के जम्मू-कश्मीर में रह रहे मुसलमानों को भी इसी फाड़ में बांटना चाहते हैं.
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बीते 5 सालों से जारी है शियाओं का नरसंहार
गौरतलब है कि पाकिस्तान में शिया मुस्लिमों पर अत्याचार किसी से छिपा नहीं है. पिछले 5 साल में उनके खिलाफ हिंसा के मामले काफी हद तक बढ़ गए हैं. पिछले 5 साल में सैकड़ों शिया मुसलमानों की हत्या की गई है. इतना ही नहीं खून से शियाओं के घर पर शिया काफिर है, लिखा जाता है. इतना ही नहीं शिया महिलाओं के खिलाफ भी अत्याचार हो रहे हैं. पहले शिया मुसलमानों को धमकी दी जाती थी, लेकिन अब ग्रेनेड तक से हमले किए जाते हैं. शिया मुस्लिमों पर हमला करने के सबसे ज्यादा आरोप आतंकी संगठन सिपाह-ए-सहाबा पर ही लगे हैं.
शियाओं के समर्थक पत्रकार भी हुए गिरफ्तार
इससे पहले शिया के खिलाफ होने वाले अत्याचार को कवर करने वाले पत्रकार बिलाल फारूकी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. वहीं, पाकिस्तान सरकार भी आतंकी संगठनों और लोगों को शिया के खिलाफ प्रदर्शन करने की मंजूरी दे रही है. शिया मुसलमानों पर हो रहे लगातार हमलों पर इमरान खान की सरकार भी चुप है. पाकिस्तान में ईशनिंदा एक संवेदनशील मुद्दा है और लोगों को इसका दोषी पाए जाने पर मौत की सजा होती है. आफरीन ने आरोप लगाया है कि कुछ साल पहले शियाओं को मारने के लिए अंजान नंबर से मेसेज किए जा रहे थे। कभी उन पर ग्रेनेड भी फेंके जाते हैं.