जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shinzo Abe) को गोली मारने की घटना ने देश-दुनिया को हिला कर रख दिया है. खासकर इसलिए भी जापान में बंदूक से होने वाले अपराध बेहद कम हैं. वहां तत्सुका यामागामी नाम के लगभग 41 साल के शख्स ने होममेड बंदूक से आबे को पीछे से दो बार गोली मारी. फिलहाल आबे का अस्पताल में इलाज चल रहा है और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है. यही नहीं, 1990 के बाद से आबे पांचवें ऐसे राजनीतिज्ञ हैं, जिन्हें गोली मारी गई. यानी बीते तीन दशकों से अधिक में सिर्फ पांच नेताओं को ही गोलीबारी का सामना करना पड़ा.
हालिया हमला लगभग 15 साल पहले हुआ
सबसे हालिया घटना भी लगभग 15 साल पहले घटी थी, जब नागासाकी के मेयर इटो इछो की 2007 में एक अपराधी गिरोह ने गोली मार कर हत्या कर दी थी. जापान के राजनेताओं पर बंदूक से हमले में पीएम को निशाना बनाए जाने की यह दूसरी घटना है. 1994 में भूतपूर्व प्रधानमंत्री होसोकावा मोरिहीरो पर टोक्यो के होटल में एक दक्षिणपंथी समूह के सदस्य ने गोली चला दी थी. अच्छी बात यह रही थी होसोकावा इस हमले में बाल-बाल बच गए थे और उन्हें खरोच तक नहीं आई थी.
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1992 में हमले में बाल-बाल बचे शिन एलडीपी सदस्य थे
1992 में लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के तत्कालीन उपाध्यक्ष कनेमारो शिन पर दक्षिणपंथी समूह के एक सदस्य ने गोलियां चला दी थी. शिन उस वक्त टोक्यो से 108 किमी दूर तेचिगी में एक कार्यक्रम में बाग ले रहे थे. शिन को भी इस हमले में खरोंच तक नहीं आई थी. गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे भी एलडीपी के सदस्य हैं. शिन पर हमले से दो साल पहले 1990 में नागासाकी के तत्कालीन मेयर मोतोशिमा हिटोषी को भी एक दक्षिणपंथी समूह के सदस्य ने हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था.
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फिर भी आबे जैसे हमला कभी नहीं हुआ
किसी राजनीतिक शख्स पर पांचवां बड़ा हमला 1995 में टोक्यो में ही हुआ था. जापान की नेशनल पुलिस एजेंसी के कमिश्नर पर हमला किया गया था, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे. जिन वक्त उन पर हमला हुआ वह अपने घर के पास थे. गौरतलब है कि जापान में बड़े नेताओं के साथ सशस्त्र सुरक्षा बल चलते हैं, लेकिन खासकर चुनावी प्रचार के दौरान आम लोगों से नजदीकी के फेर में वरिष्ठ नेता अपने सुरक्षा घेरे को नजरअंदाज कर देते हैं. वासेदा यूनिवर्सिटी के राजनीतिशास्त्र के प्रोफेसर एरो हिनो कहते हैं हालांकि आबे जैसा हमला कभी नहीं हुआ.
HIGHLIGHTS
- जापान में बंदूक से होने वाले अपराध बेहद कम
- आबे को होममेड बंदूक से मारी गईं दो गोलियां
- 2018 में बंदूकों से सबसे ज्यादा 9 की मौत