अगले साल यानि 2024 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव हैं. इस चुनाव में जो बाइडेन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी. मगर इनके बीच तीन और उम्मीदवार हैं जो भारतीय अमेरिकी हैं. ये हैं निक्की हेली, हर्ष वर्धन सिंह और विवेक रामास्वामी हैं. इनमें अब एक और नाम जुड़ गया है शिवा अय्यादुरई का. शिवा वैज्ञानिक होने के साथ उद्यमी भी हैं. मुंबई में जन्मे 59 वर्षीय अय्यादुरई ने हाल ही में अपने नए अभियान का ऐलान किया था. अय्यादुरई 1970 में ही भारत को अलविदा कह दिया था. अपने माता-पिता के साथ पैटर्सन, न्यू जर्सी में आ गए. अय्यादुरई ने कहा कि उन्होंने 1970 में भारत की कूप्रथा जाति व्यवस्था को त्याग दिया. निचली जाति 'अछूत' और 'निंदनीय' माना जाती थी.
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ईमेल का आविष्कार
उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से 4 डिग्री प्राप्त की हैं. अय्यादुरई ने बीते साल ट्विटर के सीईओ पद को संभलाने की इच्छा जाहिर की थी. बताया जाता है कि जब वे मात्र 14 साल के थे, तब उन्होंने "ईमेल का आविष्कार" कर डाला था. उन्होंने इकोमेल, साइटोसॉल्व और सिस्टम्स हेल्थ समेत कई बड़ी हाई-टेक कंपनियों के संस्थापक रहे हैं. शिव इस समय साइटोसॉल्व के संस्थापक और सीईओ हैं. उनकी कंपनी कैंसर से लेकर अल्जाइमर तक प्रमुख बीमारियों के इलाज को खोजने में लगी है.
अमेरिका की सेवा को बताया मकसद
अय्यादुरई के अनुसार, वह "वाम" और "दक्षिण" पंथों से परे अमेरिका की सेवा करना चाहता है. उनका मकसद है कि लोगों को ऐसे समाधान प्रदान किए जाएं, जिनकी उन्हें आवश्यकता है. वे इसके हकदार भी हैं. अय्यादुरई ने कहा, वे संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए लड़ हैं जो उनके लिए सौभाग्य की बात है. हम उस चौराहे पर हैं, जहां पर हम या तो स्वर्ण युग में जाएंगे या फिर अंधेरे में.' अय्यादुरई चौथे शख्स हैं जो भारतीय अमेरिकी हैं. अन्य नामों में भारतीय-अमेरिकी एयरोस्पेस इंजीनियर हर्ष वर्धन सिंह, पूर्व गवर्नर निक्की हेली और उद्यमी विवेक रामास्वामी का नाम सामने आता है.