पिछले कुछ समय में पाकिस्तान में सिंधी समुदाय के लिए मानवाधिकार हनन के कई मामले सामने आए हैं. ऐसे में सिंधी समुदाय ने पाकिस्तान के सिंधियों के खिलाफ मानवाधिकार हनन के मामलों की जांच के लिए संयुक्त राष्ट्र से फैक्ट फाइंडिंग टीम भेजने का आग्रह किया है. वर्ल्ड सिंधी कांग्रेस (wsc) ने संयुक्त राष्ट्र से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है. लंदन स्थित वर्ल्ड सिंधी कांग्रेस के सेक्रेटरी जनरल लखू लुहाना ने बताया कि पाकिस्तान में सिंधियों के लिए मौजूदा समय अत्याचार से भरा हुआ है.
हर महीने औसतन 10 लोग लापता हो रहे हैं. अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा अपने चरम पर पहुंच गई है. उन्होंने कहा कि पिछले 2 महीने में सिंधी समुदाय की 13 नाबालिग लड़कियों को अगवा कर लिया गया और जबर्दस्ती उनका धर्मांतरण कराया गया.
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लुहाना ने संयुक्त राष्ट्र से तुरंत फैक्ट फाइंडिंग टीम भेजने का आग्रह किया है. उनका कहना है कि स्थानीय प्रशासन के जरिए भी सिंधी नागरिकों का उत्पीड़न किया जा रहा है. उनका कहना है कि सिंधियों के जीवनयापन के साधनों को भी गैरकानूनी तरीकों से छीना जा रहा है. सिंधी समुदाय भूख और बीमारी से तो मर ही रहे हैं अब जबरन अगवा करने जैसी घटनाओं से भी वो काफी परेशान हैं.
लुहाना ने कहा कि पाकिस्तान सरकार से फिलहाल न्याय मिलने की कोई उम्मीद नज़र नहीं आ रही है. इसलिेए मौजूदा समय में तुरंत अंतर्राष्ट्रीय दखल जरूरी हो गया है. वहीं पाकिस्तान के पीपुल्स ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन के चेयरमैन एहसान अली ने कहा है कि सिंध की सरकार अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों की रक्षा करने में नाकाम रही है. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश राज्य सरकार ने सिंध के लोगों खासकर हिंदू अल्पसंख्यकों के हितों पर आंखें बंद कर रखी है.
Source : ANI