प्रख्यात हिंदू समाजसेवी और शीर्ष वास्तुकार सर गंगाराम के लाहौर (Lahore) स्थित समाधि स्थल को इस महीने के आखिर में आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा. 10 साल पहले कुछ लोगों ने इस स्थल पर अवैध कब्जा कर लिया था. प्रशासन ने इस स्थल को कब्जा मुक्त कराया. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. सर गंगाराम के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने पूरा लाहौर बसाया था. यही नहीं एक बिजली संयत्र की स्थापना भी उन्हीं दिनों की थी, जो आज भी काम कर रहा है और लोगों को विद्युत आपूर्ति कर रहा है.
टक्साली गेट के पास है समाधि
जानकारी के मुताबिक पंजाब प्रांत के लाहौर में टक्साली गेट के पास सर गंगाराम की समाधि है. लोगों के एक समूह द्वारा इस पर अवैध कब्जा कर लेने की वजह से पिछले एक दशक से इस स्थल को आगंतुकों के लिए बंद कर दिया गया था. इवैक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के उपनिदेशक फराज अब्बास ने कहा, 'हमने कुछ लोगों के समूह के कब्जे से इस जमीन को वापस ले लिया है और सर गंगाराम समाधि के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू किया है. जीर्णोद्धार कार्य पूरा करने के बाद समाधि को इस महीने के आखिर में आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा.' उन्होंने कहा कि महान वास्तुकार के कार्यों को प्रदर्शित करते हुए यहां एक कलावीथिका (आर्ट गैलरी) भी खोली जाएगी. उन्होंने कहा, 'जीर्णोद्धार कार्य पूरा होने के बाद उद्घाटन समारोह में स्थानीय हिंदुओं को आमंत्रित किया जाएगा.'
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लाहौर की शहरी संरचना बनाने में निभाई भूमिका
लाहौर से करीब 65 किलोमीटर दूर ननकाना साहिब के पास मंगतवाला में 1851 में जन्मे राय बहादुर गंगाराम पेशे से एक सिविल इंजीनियर और वास्तुकार थे. उन्होंने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर की शहरी संरचना में अहम भूमिका निभायी. उन्होंने लाहौर उच्च न्यायालय, एटचिसन कॉलेज, हेली कॉलेज ऑफ कॉमर्स, लाहौर म्यूजियम, मेयो स्कूल ऑफ आर्ट्स आदि के भवनों का डिजायन तैयार किया था. सर गंगाराम ने लाहौर में अस्पताल के निर्माण के लिए जमीन दान में दी. लाहौर के मौजांग क्षेत्र में 1921 में सर गंगाराम अस्पताल की स्थापना. लंदन में वर्ष 1927 में 76 वर्ष की उम्र में सर गंगाराम का निधन हुआ.
HIGHLIGHTS
- लाहौर को बसाने में निभाई थी अहम भूमिका
- अस्पताल, हाईकोर्ट, कॉलेज भी किए थे खड़े
- लंदन में 76 साल की आयु में हुआ था निधन