चीन के नापाक मंसू​बों पर भारत को लगानी हो लगाम, नहीं तो....

भारत को चीन से मुकाबला करना है तो उसे खुलकर अपने हितों के लिए लड़ना होगा. इसके साथ ही हिन्द महासागर को चीन सागर बनने से रोकना ही पड़ेगा.

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Satyam Dubey
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solomon islands violence ( Photo Credit : File Photo)

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कोरोना महामारी को फैलाने का चीन पर आरोप लगा. फिर भी चीन कोरोना महामारी से सबसे पहले निजात पाने वाला देश बना. इसके साथ ही महामारी के इस भीषण दौर में भी उसकी अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनी रही. आपको बता दें कि चीन की अर्थनीति का ही परिणाम है कि वह दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनने की ओर है. चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के वन बेल्ट वन रोड जैसे बेहद महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्‍ट से अनुमान लगाया जा सकता हैं कि वह कितना जल्दी अमेरिका और यूरोप की जगह ले की कोशिश में है. 

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आपको बता दें कि दुनियाभर के देशों की बैलेंस शीट पर नजर रखने वाली मैनेजमेंट कंसल्टेंट मैकिन्जे एंड कंपनी की रिसर्च ब्रांच की रिपोर्ट की मानें तो, पिछले 20 साल में दुनिया की संपत्ति 3 गुना बढ़ी है. लेकिन इस बढ़ोतरी में चीन की हिस्‍सेदारी एक-तिहाई तकरीबन 33% है. चीन की संपत्ति तकरीबन 16 गुना बढ़ी है.

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रिपोर्ट की माने तो, साल 2000 में दुनिया की कुल संपत्ति 156 खरब डॉलर थी, जो 2 दशक बाद यानी साल 2020 के बाद बढ़कर 514 खरब डॉलर हो गई. वहीं, 2000 में चीन की कुल संपत्ति 7 खरब डॉलर थी, जो साल 2020 में तेजी से बढ़कर 120 खरब डॉलर पहुंच गई है. इस दौरान अमेरिका की संपत्ति केवल दो गुना बढ़ पाई है. साल 2020 में अमेरिका की संपत्ति केवल 90 खरब डॉलर हो गई है. 

खास बात यह है कि अगर भारत को चीन से मुकाबला करना है तो उसे खुलकर अपने हितों के लिए लड़ना होगा. इसके साथ ही हिन्द महासागर को चीन सागर बनने से रोकना ही पड़ेगा. चीन को रोकने के लिए हमें इतना सक्षम बनना ही पड़ेगा कि हम वैश्विक ताकत बनने की ओर बढ़ सकें. 

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