Sri Lanka Blast: श्रीलंका में रविवार को ईस्टर के दिन हुए श्रंखलाबद्ध बम विस्फोटों में तीन भारतीयों सहित कम से कम 207 लोगों की मौत हो गई और 470 अन्य घायल हो गए हैं. इनमें से अधिकांश विस्फोट राजधानी कोलंबो में हुए हैं. इस द्वीपीय देश में गृहयुद्ध समाप्त होने के बाद यह सबसे बड़ा खूनखराबा वाला दिन रहा. श्रीलंका ने इन आतंकवादी हमलों के मद्देनजर देशव्यापी कर्फ्यू घोषित कर दिया है और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे फर्जी खबरों पर रोक लगाई जा सके.
भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कोलंबो से प्राप्त आधिकारिक रपटों के हवाले से कहा है कि मृतकों में तीन भारतीय -लोकाशिनी, नारायण चंद्रशेखर और रमेश- भी शामिल हैं.
External Affairs Minister, Sushma Swaraj: Indian High Commission in Colombo has conveyed that National Hospital has informed them about the death of three Indian nationals. We are ascertaining further details. #SriLankaBlasts (file pic) pic.twitter.com/zkGhsHGyXC
— ANI (@ANI) April 21, 2019
अधिकारियों ने मामले में सात संदिग्धों की गिरफ्तारी की बात कही है, लेकिन इस संबंध में अधिक जानकारी देने से इंकार कर दिया.
यह भी पढ़ें: श्रीलंका बम धमाकों में 3 भारतीयों की मौत, घायलों के इलाज के लिए भारत मेडिकल टीम भेजने को तैयार
पुलिस प्रवक्ता रुवान गुणसेकरा ने कहा कि नेशनल अस्पताल में 66 शव पहुंचे हैं और यहां 260 घायलों का इलाज हो रहा है. इसी तरह नेगोंबो अस्पताल में 104 शव पहुंचे हैं और वहां करीब 100 घायलों का उपचार हो रहा है.
नेशनल अस्पताल के निदेशक अनिल जासिघे ने कहा कि मृतकों में 11 विदेशी नागरिक हैं, जिनमें पोलैंड, डेनमार्क, चीन, जापान, पाकिस्तान, अमेरिका, भारत, मोरक्को और बांग्लादेश के लोग शामिल हैं.
बम विस्फोट की शुरुआत सुबह 8.30 बजे कोलंबो स्थित कोच्चिकाडे के सेंट एंथनी चर्च से शुरू हुई, जहां सैकड़ों लोग ईस्टर की प्रार्थना सभा के लिए जमा हुए थे. इसके बाद पांच और शक्तिशाली विस्फोट हुए, जिनके जरिए तीन आलीशान होटलों और यहां से 30 किलोमीटर दूर नेगोम्बो के सेंट सेबेस्तियन चर्च, और कोलंबो से पूर्व 250 किलोमीटर दूर बट्टीकलोवा में स्थित जियॉन चर्च को निशाना बनया गया.
अधिकारी अभी स्थिति को नियंत्रण में करने के बारे में सोच ही रहे थे कि अपराह्न् में कोलंबो में दहिवाला चिड़ियाघर से लगे एक रेस्तरां के पास एक और विस्फोट हो गया, जिसमें दो लोग मारे गए. इसके बाद कोलंबो के पड़ोसी देमाटोगोडा में हुए एक अन्य विस्फोट में अतिरिक्त तीन लोग मारे गए
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे से फोन पर बात की, और आतंकवादी हमले को क्रूर और सुनियोजित बर्बर आतंकी हमला बताया तथा नई दिल्ली की तरफ से हर तरह की मदद की पेशकश की.
यह भी पढ़ें: श्रीलंका सीरियल ब्लास्ट मामले में पुलिस ने 7 संदिग्धों को किया गिरफ्तार, मरने वालों की संख्या हुई 207
अभी तक किसी ने भी इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन श्रीलंका के पुलिस प्रमुख पुजुथ जयसुंदरा ने 10 दिन पहले राष्ट्रव्यापी अलर्ट जारी किया था कि आत्मघाती हमलावरों ने प्रमुख कैथोलिक चर्चो को निशाना बनाने की साजिश रची है.
समाचार पत्र 'द मिरर' ने प्रारंभिक जांच के निष्कर्षो के हवाले से कहा है कि प्रथम छह बड़े विस्फोटों को इस्लामिक स्टेट के आत्मघाती हमलावरों ने अंजाम दिया और उनमें से दो हमलावर एक दिन पहले शांगरी-ला होटल में ठहरे थे। कोलंबो में निशाना बनाए गए तीन होटलों में यह होटल भी शामिल है.
अखबार ने कहा है कि जांचकर्ता कमरा नं. 616 के दरवाजे तोड़कर उसके अंदर गए तो वहां से उन्हें कट्टरपंथी इस्लामवादियों द्वारा इस्तेमाल की गई सामग्री मिली। 'द मिरर' ने कहा है कि यह स्पष्ट नहीं है कि आत्मघाती हमलावर श्रीलंकाई थे या विदेशी.
यह भी पढ़ें: श्रीलंका में सीरियल ब्लास्ट के बाद लगा कर्फ्यू, सोशल मीडिया पर भी प्रतिबंध
प्रशासन ने कहा है कि मृतकों में 35 विदेशी नागरिक शामिल हैं, लेकिन फिलहाल उनकी नागरिकता का पता नहीं चल पाया है. शांगरी-ला के अलावा जिस होटल को निशाना बनाया गया, वह था प्रधानमंत्री के सरकारी आवास के नजदीक स्थित सिनामन ग्रैंड और किंग्सबरी होटल. श्रीलंका के एक पत्रकार वी. थानाबालासिंघम ने आईएएनएस को फोन पर बताया कि कोलंबो में पूरी तरह अफरा-तफरी की स्थिति है.
मीडिया रपटों के मुताबिक, सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में एक चर्च के अंदर का भयावह नजारा दिखा, जिसकी छत विस्फोट में उड़ गई और फर्श पर छत की टाइल्स, लकड़ी के टुकड़े और खून बिखरे पड़े हुए हैं. कई लोगों को खून से लथपथ देखा जा सकता है. कुछ लोग उन लोगों की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं, जो गंभीर रूप से घायल हैं. आर्थिक सुधार मंत्री हर्षा डी सिल्वा ने कुछ घटनास्थलों का दौरा किया और घटना की भयावहता के बारे में बताया.
समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, मंत्री ने कहा, 'भयावह दृश्य. मैंने चारों ओर बिखरे पड़े शरीर के क्षत-विक्षत अंगों को देखा. आपातकालीन कर्मचारी पूरे बल के साथ हर जगह हैं। हमने कइयों को अस्पताल पहुंचाया आशा करता हूं कि कई लोगों की जान बच गई होगी.' राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना ने लोगों से शांति बनाए रखने और विस्फोट की तेजी से जांच के लिए अधिकारियों के साथ सहयोग करने का अनुरोध किया.
यह भी पढ़ें: एक दशक पहले भी लिट्टे के हमले से दहला था श्रीलंका, अब फिर सीरियल ब्लास्ट
सिरिसेना ने कहा, 'मैं इस घटना से स्तब्ध और दुखी हूं. इन जघन्य कृत्यों के पीछे षड्यंत्रों का पता लगाने के लिए इसकी जांच शुरू कर दी गई है. शांत रहें और अफवाहों पर ध्यान नहीं दें.' सरकार ने पूरे देश में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लागू कर दिया है और फर्जी खबरों के प्रसार पर रोक लगाने के लिए अस्थायी तौर पर फेसबुक और इंस्टाग्राम को ब्लॉक कर दिया है.
समाचार एजेंसी एएफपी ने पुलिस के हवाले से कहा है, 'एक विदेशी खुफिया एजेंसी ने जानकारी दी है कि एनटीजे (नेशनल तौहीत जमात) आत्मघाती हमलों के जरिए प्रमुख चर्चो के साथ ही कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग को निशाना बनाने की साजिश रच रहा है.' श्रीलंका की मुख्य बौद्ध आबादी का हालांकि मात्र लगभग सात प्रतिशत ईसाई हैं, लेकिन ये बहुसंख्यक सिंघली समुदाय और अल्पसंख्यक तमिल समुदाय दोनों में पाए जाते हैं.
Source : IANS