Advertisment

'सोने की लंका' हुआ कंगाल : 500 रुपए किलो हुआ चावल, ईंधन के भी लाले

गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे पड़ोसी देश श्रीलंका में महंगाई आसमान छू रही है. हालात ये है कि एक किलो चावल की कीमत 500 रुपए तक पहुंचने के आसार है. स्थानी मिल मालिकों की मानें तो एक किलो चावल की कीमत बढ़ाकर 500 रुपए प्रति किलोग्राम हो सकती है.

author-image
Iftekhar Ahmed
एडिट
New Update
Srilanka Crisis

'सोने की लंका' हुआ कंगाल : 500 रुपए किलो हुआ चावल, ईंधन के भी लाले( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे पड़ोसी देश श्रीलंका में महंगाई आसमान छू रही है. हालात ये है कि एक किलो चावल की कीमत 500 रुपए तक पहुंचने के आसार है. स्थानी मिल मालिकों की मानें तो एक किलो चावल की कीमत बढ़ाकर 500 रुपए प्रति किलोग्राम हो सकती है. फिलहाल,  श्रीलंका में एक किलोग्राम वडापथु किस्म के चावल की कीमत 200 रुपए है. दरअसल, इस वक्त श्रीलंका में मुद्रास्फीति का स्तर इस वर्ष जनवरी से अब तक के सबसे उच्च स्तर को छू रहा है. लिहाजा, दिन बदिन रोजमर्रा की जरूरी चीजों की कीमतें बढ़ती जा रही है. 

हालात ये है कि गरीबों की गुजर बसर करने और जीवित मात्रा रहने क लिए उपयोग में आने वाले गेहूं और चावल जैसे खाद्य पदार्थों के दाम भी आसमान छू रहे हैं. लिहाजा, गरीबों के लिए अपने पेट की आग बुझाने के लिए आवश्यक वस्तुओं को खरीदना भी मुश्किल होता जा रहा है. श्रीलंका में इस वक्त गेहूं की कीमत अपने उच्च स्तर पर पहुंच गई है. देश में बढ़ती महंगाई के मद्देनजर ज्यादातर दुकानदारों ने गेहूं मंगवाना और बेचना बंद कर दिया है. स्थानीय दुकानदार बताते हैं कि इस वक्त श्रीलंका में चावल के मुकाबले गेहूं की कीमतों में ज्यादा तेजी आने की वजह से उन्होंने गेहूं मंगवाया और बेचना बंद कर दिया है. लिहाजा, उनकी दुकान भी बंद होने के कगार पर पहुंच गई है.  

भारत लगातार कर रहा है श्रीलंका की मदद
मुश्किल वक्त में श्रीलंका का साथी रहा भारत एक बार फिर श्रीलंका को इस संकट से उबरने में जुटा हुआ है. भारत लगातार श्रीलंका की हर तरह से मदद कर रहा है. इसी कड़ी में रविवार को भारत सरकार ने श्रीलंका के एक अस्पताल में आवश्यक दवाओं की खेप पहुंचाई. गौरतलब है कि इससे पहले भारत ने जाफना के मछुआरों की आजीविका को करने के लिए डीजल की आपूर्ति की गई थी. इससे पहले भारत श्रीलंका को अनाज भी उपलब्ध करा चुका है. गौरतलब है कि श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार खत्म हो जाने की वजह से ईंधन, रसोई गैस और अन्य आवश्यक वस्तुओं की श्रीलंका में गंभीर संकट है. लिहाजा, इन वस्तुओं को खरीदने के लिए दुकानों पर लंबी-लंबी कतारें लगी हुई है.  इन सबके बीच  बिजली कटौती और खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों ने लोगों को परेशान किया है. 

कर्ज ने किया श्रीलंका का बेड़ा गर्क
दरअसल, श्रीलंका इस वक्त 51 अरब डॉलर के कर्ज के बोझ बोझ तले बैठा है. अकेले ड्रैगन का ही श्रीलंका के ऊपर 5 बिलियन डॉलर से ज्यादा का कर्ज है. इसके अलावा श्रीलंका के ऊपर भारत और जापान जैसे देशों के अलावा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष  (IMF) जैसे संस्थानों का भी धार है. श्रीलंका की सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2021 तक श्रीलंका के ऊपर कुल 35 बिलियन डॉलर का विदेशी कर्ज था, जो अब बढ़कर 51 अरब डॉलर पर पहुंच चुका है. हालात ये है कि आर्थिक संकटों से घिरे इस छोटे देश के ऊपर इस भारी-भरकम विदेशी कर्ज का ब्याज व किस्त चुकाने के लिए पैसे नहीं है. 

HIGHLIGHTS

  • बेतहाशा दाम बढ़ने पर दुकानदारों ने गेहूं बेचना किया बंद
  • जनवरी के बाद सबसे उच्च स्तर पर पहुंचा मुद्रास्फीति 
  •  विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होने से गहराया ईंधन संकट 

Source : News Nation Bureau

economic Crisis Sri Lanka Crisis Sri lanka Economic Crisis crisis in sri lanka sri lanka economic crisis explained srilanka economic crisis
Advertisment
Advertisment