श्रीलंका ने दक्षिणी समुद्र में हंबनटोटा बंदरगाह (पोर्ट) को शनिवार को औपचारिक तौर पर चीन को 99 सालों के लिए सौंप दिया। श्रीलंकाई सरकार का यह फैसला भारत के लिए रणनीतिक तौर पर बड़ा झटका माना जा रहा है।
दो चाइनीज फर्म्स हंबनटोटा इंटरनेशनल पोर्ट ग्रुप (HIPG) और हंबनटोटा इंटरनेशनल पोर्ट सर्विस (HIPS) को चीन की चाइना मर्चेंट पोर्ट होल्डिंग कंपनी (CMPort) मैनेज करेगी।
श्रीलंका के अधिकारी ने बताया कि इन दोनों फर्म्स के अलावा श्रीलंका पोर्ट अथोरिटी पोर्ट और उसके आसपास के निवेश क्षेत्र का मालिक होगा।
श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे जब अप्रैल में चीन के दौरे पर थे, तब उन्होंने इस दौरान चीनी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी थी जो कि पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्ष ने अपने कार्यकाल में शुरू किया था।
विक्रमसिंघे ने श्रीलंकाई संसद में कहा, 'इस एग्रीमेंट के बाद हम अपने लोन की भरपाई की शुरुआत कर चुके हैं, हंबनटोटा हिंद महासागर में बृहद बंदरगाह बनने जा रहा है।'
विक्रमसिंघे ने कहा कि यह पोर्ट जल्द ही इकोनॉमिक जोन और औद्योगिकी क्षेत्र बनेगा जिसकी वजह से देश का आर्थिक विकास होगा।
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Source : News Nation Bureau