श्रीलंका गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है. इस बीच पीएम महिंदा राजपक्षे (mahinda rajpaksha) ने इस्तीफा दे दिया है. विपक्ष की अंतरिम सरकार बनाने की मांग के आगे झुकते हुए उन्होंने यह कदम उठाया. राजनीतिक सूत्रों के अनुसार पीएम राजपक्षे के छोटे भाई और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के नेतृत्व वाली सरकार पर विपक्ष का दबाव लगातार बढ़ रहा था. 76 वर्षीय महिंदा राजपक्षे अपनी पार्टी ‘श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना’ (एसएलपीपी) से इस्तीफा देने के लिए भारी दबाव का सामना कर रहे थे.
उनके छोटे भाई, राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे हालांकि उनका इस्तीफा चाहते थे, मगर उन्होंने सीधे तौर पर अपनी इच्छा व्यक्त नहीं की थी. सूत्रों के अनुसार राष्ट्रपति चाहते हैं कि पीएम का इस्तीफा देश में एक राष्ट्रीय सरकार बनाने में सहायक हो. मौजूदा आर्थिक संकट से उबरने के लिए वह अंतरिम सरकार के पक्ष में हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गोटबाया राजपक्षे की अध्यक्षता में राष्ट्रपति भवन में एक खास कैबिनेट बैठक हुई. इसमें महिंदा राजपक्षे ने श्रीलंका के पीएम के पद से इस्तीफा देने पर सहमति व्यक्त की. पीएम महिंदा ने इससे पहले भी कई बार कहा था कि वह जरूरत पड़ने पर इस्तीफा देंगे.
इससे पहले पीएम राजपक्षे ने कहा कि वह जनता के लिए 'कोई भी बलिदान' देने को तैयार हैं. उनके इस कथन से इन अटकलों को बल मिल गया था कि राजपक्षे आज इस्तीफा दे देंगे.
HIGHLIGHTS
- 76 वर्षीय महिंदा राजपक्षे भारी दबाव का सामना कर रहे थे
- गोटबाया राजपक्षे की अध्यक्षता में राष्ट्रपति भवन में एक खास कैबिनेट बैठक हुई
Source : News Nation Bureau