श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने बुधवार को सिंगापुर-श्रीलंका मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को तुरंत लागू करने का निर्देश दिया. राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने विदेश नीति, व्यापार, कानूनी और अन्य क्षेत्रों से संबंधित अधिकारियों के साथ चर्चा के दौरान ये निर्देश दिए. राष्ट्रपति के मीडिया विभाग ने एक बयान में कहा, इस संबंध में मौजूदा समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई और राष्ट्रपति ने इसके त्वरित समाधान की जरूरत पर प्रकाश डाला.
इससे पहले सितंबर में टोक्यो में जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे के लिए आयोजित अंतिम संस्कार कार्यक्रम में सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग से मिल कर विक्रमसिंघे ने आश्वासन दिया था कि यह समझौता लागू किया जाएगा. समझौता जनवरी 2018 में तैयार हुआ था. श्रीलंका के विपक्षी दल, ट्रेड यूनियन और अन्य पेशेवर निकायों की कड़ी आपत्तियों के कारण मुक्त-व्यापार समझौते को निलंबित कर दिया गया था.
मई 2021 में, श्रीलंका ने कई संशोधनों के साथ इसे पुनर्जीवित करने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हुआ. 18 महीने की बातचीत के बाद तैयार हुआ श्रीलंका-सिंगापुर मुक्त व्यापार समझौता (एसएल-एसएफटीए) दोनों देशों के बीच व्यापार में जायंट लीप माना गया और यह स्थापित हुआ कि श्रीलंका अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के नए युग में आगे बढ़ रहा है.
यह समझौता वस्तुओं, सेवाओं, निवेश, रूल्स ऑफ ओरिजिन, बौद्धिक संपदा अधिकार, सीमा शुल्क प्रक्रिया और व्यापार सुविधा, सरकारी खरीद, ट्रेड रिमेडीज, आर्थिक और तकनीकी सहयोग, विवाद निपटान, दूरसंचार और ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों को कवर करता है.
Source : IANS