श्रीलंका (Srilanka) आर्थिक और राजनीतिक बदहाली के बुरे दौर में है. देश के लोग आर्थिंक तंगी से जूझ रहे हैं. खाने-पीने के समानों की किल्लत के साथ लोगों को आराजकता का सामना करना पड़ रहा है. वहीं इस बीच श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति और श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (एसएलएफपी) के अध्यक्ष मैत्रीपाला सिरिसेना ( Maithripala Sirisena) ने देश में नए चुनावों का आह्वान किया है. उन्होंने पोलोन्नारुवा में अपनी पार्टी द्वारा आयोजित मई दिवस रैली को संबोधित किया. इसके दौरान उन्होंने देश में नए चुनावों का आह्वान किया. देश के स्थानीय मीडिया कोलंबो पेज पर बताया गया कि एसएलएफपी के अध्यक्ष मैत्रीपाला सिरिसेना ने कहा है कि राजनेताओं को ऐसे वक्त में लोगों का पक्ष लेना चाहिए जब देश एक बड़ी त्रासदी से गुजर रहा है. सिरिसेना ने आगे कहा कि वह इस उद्देश्य के लिए अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस पर सड़कों पर उतरे.
राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे पर साधा निशाना
उन्होंने श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और उनकी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा,'मैं भी सड़कों पर उतरा क्योंकि यह सरकार तब भी नहीं जाती जब देश के सबसे अमीर से लेकर बेगुनाह पीड़ित किसान और सरकारी कर्मचारी सरकार से घर जाने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे. 'मैं देश में नई सरकार बनाना चाहता हूं और हम यह करेंगे. पूर्व राष्ट्रपति सिरिसेना ने यह भी कहा कि जब देश में हजारों की संख्या में लोग संकट में हैं तो वह घर पर नहीं रह सकते.'
सिरिसेना ने अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस पर कहा, 'पोलोन्नारुवा में किसान जिन्होंने मोरागहकांडा जलाशय से देश को कृषि में आत्मनिर्भर बनाने का सपना देखा था, वे अब दैनिक आधार पर भी खेती करने में असमर्थ में हैं. ऐसे में नई सरकार बनने पर ही देश में नई क्रांति आ सकती है.
पूर्व राष्ट्रपति ने किया आगाह
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि यदि वर्तमान नेता बने रहे, तो ऐसी स्थिति होगी जहां लोग घर पर मर जाएंगे. उन्होंने कहा कि देश में दो या तीन लाख लोग पहले से ही भूख से मर रहे थे और उन्हें पूरे देश के लोगों के फोन आ रहे थे, जो भोजन और ईंधन मांग रहा है.
HIGHLIGHTS
- श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने देश में नए चुनावों का आह्वान किया
- कहा, यदि वर्तमान नेता बने रहे, तो ऐसी स्थिति होगी जहां लोग घर पर मर जाएंगे