Advertisment

श्रीलंका को आर्थिक तौर पर कमजोर कर सांप्रदायिक टकराव में फंसाने का गहरा षड्यंत्र

चर्च को ईस्टर के दिन निशाना बना कर सिंहली बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक मुस्लिमों के बीच बढ़ रही खाई को चौड़ा करने की कोशिश की गई है.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
श्रीलंका को आर्थिक तौर पर कमजोर कर सांप्रदायिक टकराव में फंसाने का गहरा षड्यंत्र

श्रीलंका के बम धमाकों का एक भावप्रवण चित्र

Advertisment

श्रीलंका के श्रंखलाबद्ध बम धमाकों के पीछे गहरी साजिश थी, जिनका मकसद श्रीलंका का सामाजिक ताना-बाना बिगाड़ न सिर्फ उसे अस्थिर करना था, बल्कि आर्थिक तौर पर भी उसे कमजोर बनाना था. संभवतः यही वजह है जो श्रीलंका सरकार ने इस आतंकी हमले के जिम्मेदार संगठन के नाम का तो खुलासा कर दिया है, लेकिन पकड़े गए संदिग्धों के नाम जांच पूरी होने तक उजागर नहीं कर रही है. यही नहीं, श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे और राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना के आपसी तनाव से भी देश एक बार फिर नाजुक मोड़ पर पहुंच गया है.

बीते साल राष्ट्रपति सिरिसेना के तख्ता पलट की नाकाम कोशिश के बाद प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे से उनके संबंध सामान्य नहीं रह गए हैं. बम धमाकों की पुख्ता खुफिया सूचना होने के बावजूद उसे प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे से साझा नहीं करने से उनके बीच का तनाव स्पष्ट जाहिर हो गया है. बताते हैं कि विक्रमसिंघे ने अपनी नाखुशी सिरिसेना तक पहुंचा दी है. उस पर इनपुट का ब्योरा मीडिया को लीक हो जाने से सरकार के लिए असहज स्थिति और पैदा हो गई है. जनता के बीच यह चर्चा जोरों पर है कि इनपुट होने के बावजूद श्रंखलाबद्ध धमाकों को रोका क्यों नहीं जा सका.

यह भी पढ़ेंः श्रीलंका धमाकों के बाद भारतीय तट रक्षक दल ने उठाया यह बड़ा कदम, गोवा में भी सरगर्मी

यही नहीं, बम धमाकों का शिकार बने चर्च और पंच सितारा होटल एक अलग षड्यंत्र की ओर इशारा कर रहे हैं. एक-दो नहीं तीन-तीन चर्च को ईस्टर के दिन निशाना बना कर सिंहली बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक मुस्लिमों के बीच बढ़ रही खाई को चौड़ा करने की कोशिश की गई है. यह तनाव विस्फोटक रूप नहीं लेने पाए इसीलिए सरकार ने पकड़े गए संदिग्धों के नाम नहीं उजागर किए.

यह भी पढ़ेंः न 'बजरंग अली', न बजरंगबली, कल वोटर होंगे महाबली, लिखेंगे आजम खान, जया प्रदा की तकदीर

होटलों को निशाना बनाकर श्रीलंका की पर्यटन से जुड़ी रीढ़ तोड़ने का ही काम किया गया है. इन आतंकी हमलों के बाद बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटकों ने अपनी बुकिंग कैंसिल कराई है. इससे चीन का आर्थिक दबाव और बढ़ जाएगा. हंबनटोटा बंदरगाह के बाद से वैसे ही चीन श्रीलंका की घरेलू राजनीति को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है. ऐसे में इन आतंकी हमलों से अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं या देशों से लिए गए ऋण का ब्याज प्रभावित होगा और उसकी अदायगी का दबाव पहले से ज्यादा हो जाएगा.

यह भी पढ़ेंः श्रीलंका सरकार ने इस आतंकी संगठन को बताया सीरियल ब्लास्ट का जिम्मेदार

इन सब कारणों के आलोक में देखें तो श्रीलंका के श्रंखलाबद्ध बम धमाके महज आतंक फैलाने के लिए नहीं किए गए. इनका मकसद श्रीलंका के सामाजिक ताने-बाने को तोड़ उसे आर्थिक तौर पर संकट के मुहाने पर ला खड़े करने का ही है. यहां यह भी नहीं भूलना चाहिए कि खुफिया इनपुट में भारतीय दूतावास को भी निशाना बनाने की आशंका जताई गई थी. यानी भारत के साथ श्रीलंका के रिश्तों को प्रभावित करने की भी यह एक चाल थी.

Source : News Nation Bureau

PM modi high-alert Indian Coast Guards Dornier Suicide bombing maritime boundary suicide bombers Srilanka Serial Bomb Blasts Surveillance Aircraft Srilanka Blasts Srilanka Terror Conspiracy Prime minister Ranil Wickremesinghe President Maithri
Advertisment
Advertisment
Advertisment