बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में आरक्षण खत्म करने की मांग को लेकर देशभर में हिंसा हो गई है. 400 से अधिक लोग इसमें अब तक घायल हो गए. बांग्लादेशी मीडिया एजेंसी के मुताबिक, बांग्लादेश की कई विश्वविद्यालयों में पुलिस ने छात्रों पर आंसू गैस के गोल दागे और लाठियां बरसाईं. पुलिस की कार्रवाई में दर्जनों लोग घायल हो गए हैं. रंगपुर बेगम रोकेया विश्वविद्यालय के एक छात्र की मौत के कारण हिंसा मंगलवार को और अधिक भड़क गई. छात्र का अबू सईद था. छात्रों का कहना है कि 22 साल के सईद पर पुलिस ने ही गोली चलाई थी, जिससे वह मारा गया.
दंगा भड़कने का मुख्य कारण है- नौकरी में आरक्षण पर रोक. एक सप्ताह पहले सुप्रीम कोर्ट ने नौकरी में आरक्षण पर रोक लगा दी थी. हालांकि, प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस फैसले को लागू नहीं किया. उनका कहना है कि आरक्षण हटाने का फैसला सरकार के हाथों में ही है.
अजादी की लड़ाई लड़े लोगों के बच्चे भी शामिल
यह प्रदर्शन इस साल का सबसे बड़ा प्रदर्शन है. इस प्रदर्शन में उन लोगों के बच्चे भी शामिल हैं, जिन्होंने 1971 में बांग्लादेश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी. लोगों का आरोप है कि जिनकी आमदनी ज्यादा है, सरकार उन्हें आरक्षण दे रही है. इन्हें प्रधानमंत्री हसीना का वोट कहा जाता है. हालांकि, सरकार का कहना है कि उनकी सरकार विकलांग और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को नौकरी में 30 प्रतिशत आरक्षण दे रही है.
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तीन दिन से हो रही है हिंसा
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो बांग्लादेश में तीन दिनों से हिंसा जारी है. हसीना समर्थकों ने विश्वविद्यालयों के छात्रों पर हमला किया. नाहिद इस्लाम नाम के छात्र ने कहा कि हसीना समर्थक रॉड, डंडे लेकर हमारे परिसर में हमला कर दिया. उन्होंने पत्थरबाजी भी की. हमले में 150 से अधिक लोग घायल हैं. इस हमले के कारण 30 महिलाएं और 20 स्टूडेंट्स गंभीर रूप से घायल हो गए हैं.
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Source : News Nation Bureau