पाकिस्तान (Pakistan) के सिंध प्रांत (Sindh Province) की राजधानी व देश के सबसे बड़े शहर कराची में स्थित विश्वविद्यालय (University Of Karchai) के विद्यार्थियों के लिए सोशल मीडिया इस्तेमाल (Social Media) के नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. इसमें कहा गया है कि विद्यार्थियों को इस्लाम (Islam) और पाकिस्तान (Pakistan) की विचारधारा के खिलाफ टिप्पणी से दूर रहना चाहिए. 'द न्यूज' की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. इसमें बताया गया है कि कराची यूनिवर्सिटी (Karachi University) के विद्यार्थी सलाहकार डॉ. सैयद आसिम अली ने एक बयान में बताया कि दिशा-निर्देश में यह भी शामिल है कि विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय की प्रशासनिक गतिविधियों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है.
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बयान में विद्यार्थियों से कहा गया है, "इस्लाम और पाकिस्तान की विचारधारा के खिलाफ कोई गतिविधि नहीं होनी चाहिए, देश की एकता व अखंडता के खिलाफ कोई गतिविधि नहीं होनी चाहिए. साथ ही यूनिवर्सिटी की प्रशासनिक गतिविधियों में किसी तरह का दखल नहीं होना चाहिए."
अली ने कहा, "विद्यार्थियों की सोशल मीडिया गतिविधियां नैतिक नियमों के अनुरूप होनी चाहिए जो कि किसी भी रूप में सांप्रदायिक व क्षेत्रवादी विवाद को भड़काने वाली नहीं होनी चाहिए." उन्होंने विद्यार्थियों से यह भी कहा कि वे उन 'बाहरी तत्वों पर निगाह रखें और उन्हें चेक करें जो विश्वविद्यालय में आकर गैर शैक्षिक गतिविधियां करते हैं.'
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डॉ. अली ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में धूम्रपान और गुटका-पान जैसी चीजों के इस्तेमाल और बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध है और अगर कोई इसका उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. दीवारों पर पोस्टर या चित्र लगाना भी पूरी तरह से मना है.
Source : IANS
पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर इस्लाम और देश के खिलाफ टिप्पणी नहीं कर पाएंगे छात्र
पाकिस्तान (Pakistan) के सिंध प्रांत (Sindh Province) की राजधानी व देश के सबसे बड़े शहर कराची में स्थित विश्वविद्यालय (University Of Karchai) के विद्यार्थियों के लिए सोशल मीडिया इस्तेमाल (Social Media) के नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.
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पाकिस्तान (Pakistan) के सिंध प्रांत (Sindh Province) की राजधानी व देश के सबसे बड़े शहर कराची में स्थित विश्वविद्यालय (University Of Karchai) के विद्यार्थियों के लिए सोशल मीडिया इस्तेमाल (Social Media) के नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. इसमें कहा गया है कि विद्यार्थियों को इस्लाम (Islam) और पाकिस्तान (Pakistan) की विचारधारा के खिलाफ टिप्पणी से दूर रहना चाहिए. 'द न्यूज' की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. इसमें बताया गया है कि कराची यूनिवर्सिटी (Karachi University) के विद्यार्थी सलाहकार डॉ. सैयद आसिम अली ने एक बयान में बताया कि दिशा-निर्देश में यह भी शामिल है कि विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय की प्रशासनिक गतिविधियों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है.
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बयान में विद्यार्थियों से कहा गया है, "इस्लाम और पाकिस्तान की विचारधारा के खिलाफ कोई गतिविधि नहीं होनी चाहिए, देश की एकता व अखंडता के खिलाफ कोई गतिविधि नहीं होनी चाहिए. साथ ही यूनिवर्सिटी की प्रशासनिक गतिविधियों में किसी तरह का दखल नहीं होना चाहिए."
अली ने कहा, "विद्यार्थियों की सोशल मीडिया गतिविधियां नैतिक नियमों के अनुरूप होनी चाहिए जो कि किसी भी रूप में सांप्रदायिक व क्षेत्रवादी विवाद को भड़काने वाली नहीं होनी चाहिए." उन्होंने विद्यार्थियों से यह भी कहा कि वे उन 'बाहरी तत्वों पर निगाह रखें और उन्हें चेक करें जो विश्वविद्यालय में आकर गैर शैक्षिक गतिविधियां करते हैं.'
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डॉ. अली ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में धूम्रपान और गुटका-पान जैसी चीजों के इस्तेमाल और बेचने पर पूर्ण प्रतिबंध है और अगर कोई इसका उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. दीवारों पर पोस्टर या चित्र लगाना भी पूरी तरह से मना है.
Source : IANS