पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शनिवार को अपने और अपने बेटों हमजा और सुलेमान के खिलाफ 16 अरब रुपये के धन शोधन मामले में विशेष अदालत में सुनवाई के दौरान खुद को 'मजनू' बताया. अपने खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए, शहबाज शरीफ ने अदालत को अवगत कराया कि जब वह पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री थे तब उन्हें अपना वेतन कभी नहीं मिला और खुद को "मजनू" कहा, जो उर्दू भाषा में एक मूर्ख के लिए प्रयुक्त होता है.
न्यायाधीश एजाज हसन अवान के समक्ष बहस के दौरान, प्रधानमंत्री शहबाज ने मंच लिया और कहा कि उनके खिलाफ मामला "झूठा" था. उन्होंने कहा, "मैंने 12.5 वर्षों में सरकार से कुछ भी नहीं लिया है और वह अपनी जेब से सरकारी कार में ईंधन भरवाते थे."
डॉन अखबार के अनुसार, उन्होंने कहा, " खुदा ने मुझे इस देश का प्रधानमंत्री बनाया है. मैं एक मजनू हूं. मैंने अपना कानूनी अधिकार नहीं लिया, मैंने वेतन और लाभ नहीं लिया."
इसके अलावा सुनवाई में शहबाज और हमजा के वकील मोहम्मद अमजद परवेज ने विशेष अदालत के न्यायाधीश एजाज हसन अवान के समक्ष दलील दी कि चालान में तथ्य गलत थे. "यह मामला दुर्भावनापूर्ण था क्योंकि यह राजनीति से प्रेरित था. कानून कहता है कि अगर किसी के खिलाफ 10 मामले हैं, तो उसे प्रत्येक के लिए अलग से गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है."
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उन्होंने याद किया कि पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान सचिव ने उन्हें चीनी निर्यात के लिए एक फुटनोट भेजा था, यह कहते हुए कि उन्होंने एक निर्यात सीमा निर्धारित की थी और फुटनोट को खारिज कर दिया था.
"मेरे फैसले के कारण मेरे परिवार को 2 अरब रुपये का नुकसान हुआ. मैं आपको वास्तविकता बता रहा हूं. जब मेरे बेटे का इथेनॉल उत्पादन संयंत्र स्थापित किया जा रहा था, तब भी मैंने इथेनॉल पर शुल्क लगाने का फैसला किया. मेरे परिवार को सालाना 80 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. पिछली सरकार ने यह कहते हुए उस अधिसूचना को वापस ले लिया कि यह चीनी मिलों के साथ अन्याय है."
इसके बाद, न्यायाधीश ने शहबाज और हमजा को यह कहते हुए जाने की अनुमति दी कि सुनवाई उनकी उपस्थिति के बिना आगे बढ़ सकती है. अदालत ने पिछले हफ्ते सुनवाई के दौरान शहबाज और हमजा की अंतरिम जमानत 28 मई तक के लिए बढ़ा दी थी और सुलेमान शाहबाज, ताहिर नकवी और मलिक मकसूद सहित तीन अन्य के लिए गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि तीनों को भगोड़ा घोषित किया गया है.
संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने दिसंबर 2021 में चीनी घोटाला मामले में 16 अरब रुपये की राशि के शोधन में कथित संलिप्तता के लिए शहबाज और हमजा के खिलाफ विशेष अदालत के समक्ष चालान पेश किया था.