अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शनिवार को हुए आत्मघाती हमले में स्कूली बच्चों सहित 10 लोगों की मौत हो गई जबकि 20 अन्य घायल हुए हैं. गृह मंत्रालय ने बताया कि धमाका पश्चिमी काबुल के शिया बहुल इलाके में एक शिक्षण केंद्र के बाहर हुआ. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक अरियान ने बताया कि जब सुरक्षा गार्ड ने उसे रोका तब हमलावर शिक्षण केंद्र में घुसने का प्रयास कर रहा था.
इस हमले की तत्काल किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है. वहीं तालिबान ने इस धमाके में हाथ होने से इनकार किया है. उल्लेखनीय है कि इस्लामिक स्टेट से जुड़े संगठन ने अगस्त 2018 में इसी तरह शिक्षण केंद्र पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी जिसमें 34 विद्यार्थियों की मौत हुई थी.
इसे भी पढ़ें: बिहार चुनाव:कमल का बटन दबाने से घर आएंगी लक्ष्मी, बोलीं स्मृति ईरानी
वहीं, अमेरिका ने फरवरी में तालिबान के साथ शांति समझौता किया है जिससे देश से अमेरिकी बलों की वापसी का रास्ता खुल गया है. अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि इस समझौते से इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ाई में सुरक्षा को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा. इस्लामिक स्टेट, तालिबान का प्रतिद्वंद्वी है. देश में तालिबान और अफगान बलों के बीच हिंसा में वृद्धि देखी गई है.
वहीं तालिबान और सरकार के प्रतिनिधि कतर की राजधानी दोहा में अफगानिस्तान में दशकों लंबे युद्ध को खत्म करने के लिए शांति वार्ता कर रहे हैं. इससे पहले शनिवार को पूर्वी अफगानिस्तान में सड़क के किनारे किए गए विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई. इस विस्फोट की चपेट में मिनी वैन आ गई थी, जिसमें आम लोग बैठ हुए थे.
और पढ़ें:नारी शक्ति के लिये नवरात्रि में योगी सरकार के 9 अहम फैसले
गज़नी प्रांत के पुलिस प्रवक्ता अहमद खान सीरत ने बताया कि सड़क के किनारे किए गए दूसरे विस्फोट में दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई. इस विस्फोट की चपेट में पुलिसकर्मियों की एक गाड़ी आ गई जो पहले विस्फोट के स्थल पर पीड़ितों की मदद के लिए जा रही थी. सीरत ने बताया कि विस्फोटों में कई अन्य घायल भी हुए हैं और हमलों की जांच चल रही है. हमलों की जिम्मेदारी तत्काल किसी संगठन ने नहीं ली है. प्रांतीय पुलिस के प्रवक्ता ने दावा किया कि बम तालिबान ने लगाए थे.
Source : Bhasha