इराक की राजधानी बगदाद में अमेरिकी हवाई हमले में मारे गए शीर्ष ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी को श्रद्धांजलि देने के लिए रविवार को ईरान के शहर अहवाज और मशद से लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. लोगों ने रोते-बिलखते हुए और अपनी छाती पीटकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. अहवाज की सड़कों पर उमड़े लोग अमेरिका मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे. लोगों के हुजूम से दक्षिणी पश्चिम शहर में एक नदी पर बना लंबा पुल खचाखच भर गया था. सुलेमानी का शव तड़के इराक से यहां पहुंचा.
शियाओं के नारे गूंज रहे थे, शोकाकुल लोग सुलेमानी की तस्वीर थामे हुए थे. ईरान के लोग सुलेमानी को 1980-88 के ईरान-इराक युद्ध और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कुद्स फोर्स के कमांडर के तौर पर ईरान के पश्चिम एशिया अभियान की अगुवाई करने के कारण नायक के तौर पर देखते हैं. उत्तर पूर्वी शहर मशद में इमाम रेजा दरगाह के पास सड़कों पर लोगों की भीड़ जुटी और अमेरिका को संबोधित करते हुए लोगों ने अपने पापों से डरो के नारे लगाए.
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शुक्रवार को बगदाद हवाईअड्डे के पास अमेरिकी ड्रोन हमले में सुलेमानी (62) की मौत हो गई थी जिससे इस्लामिक गणराज्य सदमे में है. यह हमला अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर किया गया था, जिनका कहना था कि कुद्स कमांडर अमेरिकी राजनयिकों और इराक में अमेरिकी बलों पर हमले की साजिश रच रहा था. अमेरिकी हमलों को लेकर इराक की बढ़ती नाराजगी के मद्देनजर इराक में मौजूद करीब 5,200 अमेरिकी सैनिकों को देश से निकाले जाने के बारे में देश की संसद में रविवार को मतदान होने की संभावना है.
सुलेमानी की मौत से ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया है और पश्चिम एशिया में नये युद्ध की आशंका पैदा हो गई है. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनी ने बदला लेने का संकल्प जताया है और तीन दिन के शोक की घोषणा की है.
हालांकि, ट्रंप ने शनिवार को चेतावनी दी थी कि अगर ईरान ने अमेरिकी कर्मियों या संपत्ति को नुकसान पहुंचाया तो अमेरिका ईरान और ईरानी संस्कृति के लिए अहम 52 जगहों को निशाना बनाएगा और उन पर बहुत तेजी से शक्तिशाली हमला करेगा.
ट्रंप ने ट्वीट किया कि ये 52 ठिकाने उन अमेरिकी नागरिकों की संख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं जिन्हें 1979 के आखिर में तेहरान में अमेरिकी दूतावास में एक साल से अधिक समय तक बंधक बनाया था. ईरान के शीर्ष राजनयिक मोहम्मद जावद जरीफ ने ट्वीट किया कि सांस्कृतिक स्थलों को निशाना बनाना युद्ध अपराध' है और अंतरराष्ट्रीय कानून में प्रतिबंधित है.
ईरान के सेना प्रमुख के लिए ट्रंप की यह धमकी सुलेमानी की अन्यायपूर्ण हत्या से दुनिया का ध्यान भटकाने का प्रयास है. मेजर जनरल अब्दुलरहीम मूसावी ने कहा, ‘मुझे संदेह है कि उनमें भविष्य में इसे शुरू करने का साहस है.’
ईरान के संचार मंत्री मोहम्मद जावद जहरोमी ने ट्रंप को आतंकवादी बताते हुए ट्वीट किया और उनकी तुलना आईएसआईएस, हिटलर, चंगेज खान से की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘ये सभी संस्कृति से नफरत करने वाले हैं.’
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ट्रंप ने 2018 में एकतरफा कदम उठाते हुए ईरान के साथ ऐतिहासिक परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था जिसके बाद से ही अमेरिका-ईरान के बीच तनाव बढ़ गया है. इस संधि में ईरान को उसके परमाणु कार्यक्रमों पर रोक के एवज में प्रतिबंधों में छूट का प्रावधान था. सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित एक लाइव कार्यक्रम में अहवाज शहर में हजारों लोग काले कपड़ों में नजर आ रहे थे. चैनल के फुटेज में मौलवी स्क्वायर में हरे, सफेद और लाल झंडे लिए हुए बड़ी संख्या में लोग दिख रहे हैं. सरकारी टेलीविजन ने बताया, ‘समारोह में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था.’
अर्द्ध-सरकारी समाचार एजेंसी आईएसएनए ने बताया कि संसद के नियमित सत्र के दौरान प्रतिनिधियों ने कुछ मिनट के लिए अमेरिका मुर्दाबाद के नारे लगाए. समाचार एजेंसी ने स्पीकर अली लारीजानी के हवाले से कहा, ‘ट्रंप सुन लो, यह ईरानी राष्ट्र की आवाज है.'
उधर ब्रिटेन ने ईरान से शांति बनाए रखने की अपील की है. ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने कहा कि युद्ध किसी का हित नहीं करता। उन्होंने ईरान के मारे गए जनरल कासिम सुलेमानी की मौत को क्षेत्रीय खतरा बताया.
ब्रिटेन होर्मूज जलडमरूमध्य से आने वाले अपने वाणिज्यिक जहाज की रक्षा के लिए रॉयल नेवी की तैनाती की तैयारी कर रहा है. इस बीच रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि विध्वंसक जहाज एचएमएस मॉन्ट्रोस और एचएमएस डिफेंडर जलडमरूमध्य में ब्रिटिश वाणिज्यिक जहाजों के साथ साथ चलेंगे. रक्षा मंत्री बेन वॉलेस ने कहा, ‘मैंने एचएमएस मॉन्ट्रोस और एचएमएस डिफेंडर को तैयार रहने का निर्देश दिया है. सरकार ऐसे समय में अपने नागरिकों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगी.'वॉलेस ने ट्विटर पर कहा उन्होंने शुक्रवार को अपने अमेरिकी समकक्ष मार्क एस्पर से बात की.
Source : Bhasha