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म्यांमार वापस भेजा जाना ही रोहिंग्या समस्या का समाधान: सुषमा

बता दें कि सुषमा स्वराज का यह दूसरा बांग्लादेश दौरा है। दो दिन के दौरे पर गई विदेश मंत्री बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से भी मुलाकात करेगी।

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saketanand gyan
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म्यांमार वापस भेजा जाना ही रोहिंग्या समस्या का समाधान: सुषमा

सुषमा स्वराज और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (फोटो: ANI)

भारत ने रविवार को कहा कि जिन रोहिंग्या शरणार्थियों को भागकर बांग्लादेश आना पड़ा है, उन्हें म्यांमार को वापस बुलाना चाहिए जहां से वे विस्थापित किए गए हैं।

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भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने बांग्लादेशी समकक्ष अबुल हसन महमूद अली के साथ मीडिया को संबोधित किया और कहा, 'हालात तभी सामान्य हो सकते हैं जब रखाइन राज्य से निर्वासित लोगों को वापस वहीं बसाया जाए।'

भारत-बांग्लादेश संयुक्त सलाहकार समिति की चौथी बैठक के बाद यह बयान सामने आया है।

बांग्लादेश के विदेश मंत्री अबुल हसन महमूद अली के साथ भारत-बांग्लादेश की संयुक्त सलाहकार आयोग की बैठक के बाद सुषमा स्वराज ने कहा कि आतंक जैसी चुनौतियों से निपटने का दोनों देशों का एक समान लक्ष्य है।

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सुषमा स्वराज ने बैठक के बाद कहा, 'हमलोगों ने दोनों देशों के एक समान चुनौतियों पर चर्चा की है, जिसमें आतंकवाद, कट्टरता और चरमपंथ जैसी महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं।'

विदेश मंत्री ने कहा, 'हमलोग इस आतंक के खिलाफ एक साथ लड़ाई जारी रखेंगे और इस तरह के दूसरे देशों को भी साथ लाकर लड़ाई जारी रखेंगे।'

सुषमा स्वराज ने कहा, 'हम अपने समाज को घृणित विचारधारा के डर, हिंसा और आतंक के भय से रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। और इससे हर स्तर पर लड़ने के लिए हमने जीरो टॉलरेंस और कई व्यापक नीतियों को अपनाया है।'

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बांग्लादेश के साथ रिश्तों पर बोलते हुए सुषमा ने कहा, 'चूंकि मैंने दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्तों को बढ़ाने पर जोर दिया है, हम बड़े मुद्दों को लेकर अधिक सक्रिय हैं।'

सुषमा स्वराज ने कहा कि दोनों देश इन सभी बड़े मुद्दों के समाधान पर काम कर रहे हैं।

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रोहिंग्या मुसलमानों पर अपनी बात रखते हुए सुषमा स्वराज ने कहा, 'भारत म्यांमार के रखाइन प्रांत में हुए हिंसा की घटनाओं पर बेहद चिंतित है।' उन्होंने कहा, 'हमने रोहिंग्या आबादी के कल्याण को देखते हुए, स्थिति को सख्ती से नियंत्रित करने पर जोर- शोर से समर्थन किया है।'

सुषमा ने कहा, 'रखाइन प्रांत में सामाजिक-आर्थिक और आधारभूत ढांचे का तेजी से विकास ही वहां की स्थिति को लंबी समाधान दे सकती है। और इससे प्रांत में रहने वाले सभी समुदायों के लिए सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।'

गौरतलब है कि विदेश मंत्री की इस यात्रा से भारत और बांग्लादेश के बीच उत्कृष्ट द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने और इन संबंधों को और मजबूत बनाने के अवसर प्रदान किए जाने की संभावना है।

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बता दें कि सुषमा स्वराज का यह दूसरा बांग्लादेश दौरा है। तीसरी संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक 2014 में नई दिल्ली में हुई थी। दो दिन के बांग्लादेश दौरे पर गई सुषमा स्वराज ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से भी मुलाकात की है।

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HIGHLIGHTS

  • ढाका में भारत बांग्लादेश संयुक्त सलाहकार समिति की चौथी बैठक में हिस्सा ले रही हैं सुषमा स्वराज
  • सुषमा ने कहा, रखाइन प्रांत में विस्थापित लोगों के पुनर्वास से ही स्थिति सामान्य अवस्था में वापस आ सकेगी

Source : News Nation Bureau

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