विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रविवार को शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) समिट के इतर चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ प्रतिनिधि स्तर की वार्ता की।
वार्ता के बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के संयुक्त संबोधन के दौरान कई अहम मुद्दों पर सहमति बनी और दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने का संकल्प लिया।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 27-28 अप्रैल को चीन के वुहान में एक अनौपचारिक बैठक में हिस्सा लेंगे, जो सफलतापूर्वक पूरा होगा और चीन-भारत के रिश्तों में एक मील का पत्थर साबित होगा।
वांग यी ने कहा, 'हम चीन के परिप्रेक्ष्य में समाजवाद को एक नए दौर में जाते हुए देखते हैं वहीं भारत अपने विकास और पुनरुत्थान में निर्णायक तरीके से काम कर रहा है।'
वांग ने कहा कि चीन के तरफ से एक बार फिर शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन का सदस्य बनने पर भारत को बधाई देता हूं और एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में पहली बार हिस्सा लेने पर सुषमा स्वराज का हार्दिक स्वागत करता हूं।
वहीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, 'चीन ने 2018 में सतलज और ब्रह्मपुत्र नदियों के आंकड़ों को साझा करने की पुष्टि कर दी है। हम इसका स्वागत करते हैं, चुंकि यह वहां रहने वाले लोगों के जीवन को सीधे प्रभावित करता है।'
सुषमा स्वराज ने कहा कि इस साल से कैलाश मानसरोवर यात्रा नाथुला पास के जरिये फिर से शुरू की जाएगी।
सुषमा ने कहा, 'भारत और चीन आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, वैश्विक स्वास्थ्य लाभ जैसे मुद्दों पर एक साथ काम करने के लिए सहमत हुए हैं।'
सुषमा स्वराज 24 अप्रैल को एससीओ के विदेश मंत्री स्तरीय बैठक में शिरकत करेंगी और फिर मंगोलिया के लिए रवाना होंगी।
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HIGHLIGHTS
- दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने का संकल्प लिया
- इस साल से कैलाश मानसरोवर यात्रा नाथुला पास के जरिये फिर से शुरू होगी
- जिनपिंग और मोदी 27-28 अप्रैल को वुहान में एक अनौपचारिक बैठक में हिस्सा लेंगे
Source : News Nation Bureau