आत्महत्या, शब्द सुनते ही लोगों की रुह कांप जाती है. हम आत्महत्या के बारे में इसलिए बात कर रहे हैं कि यूरोपीय देश स्विटजरलैंड ने आत्महत्या करने में मदद देने वाली मशीन को कानूनी मंजूरी दे दी है. आपको बता दें कि यह मशीन सिर्फ मिनट में आत्महत्या की प्रक्रिया को पूरी कर देती है. इससे इंसान बिना दर्द के हमेशा के लिए मौत की नींद सो सकता है. स्विटजरलैंड को कानूनी मंजूरी देते ही इस मशीन को लेकर पूरी दुनिया में चर्चा होने लगी है.
आपको बता दें कि स्विटजरलैंड ने आत्महत्या करने में मदद देने वाली जिस मशीन को कानूनी मंजूरी दी है यह मशीन एक ताबूत के आकार की बनी हुई है. द इंडिपेंडेंट की एक ऑनलाइन रिपोर्ट की मानें तो, इस मशीन के माध्यम से ऑक्सीजन का स्तर धीरे-धीरे कम करके हाइपोक्सिया और हाइपोकेनिया के माध्यम से मौत दी जाती है. इस प्रक्रिया में सिर्फ 30 सेकेंड में नाइट्रोजन की मात्रा कई गुना बढ़ जाती है जिसकी वजह से ऑक्सीजन का स्तर 21 प्रतिशत से 1 हो जाता है, जिसके बाद देखते ही देखते इंसान मौत की नींद सो जाता है.
यह भी पढ़ें: सरकार ने किसान संगठनों को भेजी चिट्ठी, कल खत्म हो सकता है आंदोलन
द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट में इस बात की भी जिक्र है कि यह मशीन उन मरीजों के लिए मददगार है जो बीमारी की वजह से बोल नहीं पाते हैं या हिल नहीं पाते हैं. आपको बता दें कि इस मशीन को यूजर को अपनी पसंदीदा जगह पर ले जाना होगा. इसके बाद मशीन का नष्ट होने योग्य कैप्सूल अलग हो जाता है, जिससे उसे ताबूत की तरह से इस्तेमाल किया जा सके.
यह भी पढ़ें: महबूबा मुफ्ती का चौंकाने वाला बयान- गोडसे के भारत में बदल रहा है गांधी का भारत
आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि स्विटजरलैंड में मदद के साथ आत्महत्या करना कानूनी रुप से मान्य है. ऑकड़ों पर गौर करें तो पिछले साल 1300 लोगों ने इस सेवा का इस्तेमाल आत्महत्या करने के लिए किया. इस मशीन पर सवाल खड़े होने भी शुरू हो गए हैं. अब डॉक्टर डेथ की भी आलोचना शुरु हो गई है. लोगों का कहना है कि यह मशीन आत्महत्या को बढ़ावा देती है.