अगर आंकड़ों में देखें तो वर्ल्ड कप में पाकिस्तान किसी भी मैच में भारत से नहीं जीत सका है. यह एक ऐसा रिकॉर्ड है जिसे भारत (India) बरकरार रखना चाहता है, तो पाकिस्तान (Pakistan) किसी भी सूरत में तोड़ना. माना जा रहा है कि टी-20 वर्ल्ड कप (T-20 World Cup) में भारत के खिलाफ रविवार को होने वाले मैच में पाकिस्तान की हार की जिल्लत से बचने के लिए ही पाक के गृह मंत्री शेख रशीद (Sheikh Rasheed) संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से शनिवार रात को वापस लौट गए हैं. हालांकि एक चर्चा यह भी है कि वजीर-ए-आजम इमरान खान ने पाकिस्तान के आंतरिक हालातों को देखते हुए ही उन्हें वापस तलब कर लिया है.
पहले इमरान खान ने दी थी मैच देखने की अनुमति
पाकिस्तानी न्यूज चैनल जियो न्यूज ने बताया कि रशीद रविवार को बहुप्रतीक्षित भारत-पाकिस्तान टी20 विश्व कप मैच देखने के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) गए थे. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक इमरान खान ने शेख रशीद को तुरंत पाकिस्तान लौटने का हुक्म सुनाया है. इसकी वजह आंतरिक सुरक्षा से जुड़े हालात बताए जा रहे हैं. जानकारी के मुताबिक टीएलपी ने घोषणा की थी कि वह अपने प्रमुख हाफिज साद हुसैन रिजवी की नजरबंदी के खिलाफ इस्लामाबाद की ओर एक लंबा मार्च शुरू करेगा. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कथित तौर पर संयुक्त अरब अमीरात में भारत के खिलाफ मैच को लाइव देखने के लिए छुट्टी के अनुरोध पर शेख रशीद को मंजूरी दी थी, लेकिन बदले हालातों में मंत्री से देश लौटने का आग्रह किया गया.
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टीएलपी के मार्च को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था की गई कड़ी
जानकारी के मुताबिक प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामी समूह तहरीक-ए-लब्बिक पाकिस्तान के इस्लामाबाद तक संभावित मार्च को रोकने के लिए पाकिस्तान अर्धसैनिक बलों के 500 से अधिक कर्मियों और 1,000 सीमा कर्मियों की एक टुकड़ी को तैनात किया जा रहा है. बयान में कहा गया है कि टीएलपी के मरकज (मुख्यालय) से तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान का इस्लामाबाद की ओर शांतिपूर्ण नमूस-ए-रिसालत मार्च जुमे की नमाज के बाद शुरू होगा. डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार इसके सदस्यों को राजधानी में मार्च करने से रोक दिया गया था.
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शहर के एंट्री प्वाइंट्स पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती
रिपोर्ट में कहा गया है कि रेड जोन और फैजाबाद इंटरचेंज और उसके आसपास सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया जा रहा है. इसके अलावा, शहर में प्रवेश बिंदुओं पर प्रत्येक में 200 पुलिस कर्मियों की एक टुकड़ी तैनात की गई थी. इसके अलावा फैजाबाद और रेड जोन सहित विभिन्न स्थानों पर 1,400 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया. लाहौर में पहले दौर की वार्ता बिना किसी नतीजे के संपन्न होने के बाद सरकार ने यह फैसला लिया. गौरतलब है कि टीएलपी के सैकड़ों कार्यकर्ता लाहौर में धरना दे रहे हैं. धरना-प्रदर्शन के जरिये टीएलपी पंजाब सरकार पर उसके दिवंगत संस्थापक खादिम रिजवी के बेटे हाफिज साद हुसैन रिजवी की रिहाई के लिए दबाव डाल रही है. छोटे रिजवी को पंजाब सरकार ने 12 अप्रैल से सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए हिरासत में रखा हुआ है.
HIGHLIGHTS
- गृह मंत्री शेख रशीद को पहले इमरान खान ने दी थी मैच देखने की मंजूरी
- बाद में आंतरिक हालातों का हवाला देकर शनिवार रात बुला लिया वापस
- टीएलपी ने अपने नेता की रिहाई के लिए कर रखी है लांग मार्च की घोषणा