चीन हमारे खिलाफ संचार और सूचना से युद्ध छेड़ रहा है. हमारे ऊपर साइबर हमले किए जा रहे हैं. इस बार चीन का रुख बीते दशकों से पूरी तरह से अलग है और ताइवान के ऊपर वाकई विश्व युद्ध के बादल छाए हुए हैं. मैं अमेरिका में पढ़ा हूं ,अमेरिका में पढ़ाया है, वाशिंगटन में ताइवान का प्रतिनिधि रहा हूं, अमेरिका ने कहा है कि वह शांतिपूर्ण तरीके से विलय के साथ में है ,लेकिन अगर चीन ने ताकत का प्रयोग किया तो चीन पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे. अमेरिका हमें सैनिक सहायता भी दे रहा है, लेकिन हमारा आदर्श यूक्रेन है. जिस तरह से यूक्रेन की जनता वैश्विक शक्ति रूस से लड़ रही है ,वैसे ही हमारी जनता भी महाशक्ति चीन के खिलाफ हर बलिदान देकर अपनी आजादी की रक्षा करेगी. ये गंभीर आरोप ताइवान के विदेश मंत्री ने चीन पर लगाए. उन्होने भारत का दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बताया.
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आर्थिक साम्राज्यवाद फैला रहा है चीन
सबके सामने श्रीलंका का उदाहरण है. चीन सामरिक रूप से अपनी सीमाओं का विस्तार करने की कोशिश करता है, वह चाहे पूर्वी और पश्चिमी चीन सागर हो या भारत से जुड़ी हुई सीमाएं. चीन की कोशिश आर्थिक क्षेत्र में इसके जरिए भी साम्राज्यवाद फैलाने की है. भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. भारत की सरकार और हमारे बीच राजनयिक रिश्ते नहीं है. सरकार के स्तर पर मैं कुछ नहीं मांग सकता, लेकिन जनता से जरूर कहूंगा कि आप जो विश्व का सबसे बड़ा प्रजातंत्र हैं , आप उसकी कीमत जानते है, हमारे लोकतंत्र की सहायता करें.
आंतरिक दबाव की वजह से उकसाने वाली हरकत कर रहे हैं चीन के राष्ट्रपति
आर्थिक मोर्चे पर चीन मंदी का शिकार है, उनका रियल एस्टेट क्षेत्र गिर रहा है ,बैंक के बाहर टैंक लगा दिए गए हैं. ऐसा लग रहा है चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग आंतरिक दबाव की वजह से भी उकसाने वाली कार्यवाही कर रहे हैं, लेकिन फिर भी चीन में तानाशाही ताकतवर है.
HIGHLIGHTS
- जानें एक्सक्लुसिव इंटरव्यू में क्या बोले ताइवान के विदेश मंत्री