अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने अपने अंतरिम मंत्रिमंडल में 27 नए सदस्यों को शामिल किया गया है. इसमें एक भी महिला को जगह नहीं दी गई है. तालिबान ने एक आधिकारिक घोषणा में कहा है कि विदेशों में अफगानिस्तान के राजनयिक मिशनों (दूतावासों) में नए दूत और अधिकारी तैनात किए जाएंगे. तालिबान शासन में इस्लामिक अमीरात के उप प्रवक्ता इनामुल्ला सामंगनाई ने कहा कि वर्तमान में अफगानिस्तान के अधिकांश राजनयिक मिशन पूर्व सरकार द्वारा नियुक्त दूत चला रहे हैं. इस संबंध में हम विदेशों में अफगानिस्तान के दूतावासों के संपर्क में हैं. जल्द ही गतिविधियों में सुधार होगा और पुरानों की जगह कुछ नए लोगों की पेशकश की जाएगी.
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सरकारी प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने बताया कि ये नियुक्तियां तालिबान के सर्वोच्च नेता मुल्ला हैबतुल्ला अखुंदजादा के आदेशों के अनुपालन में हुई हैं. इस सूची में मंत्रियों और उपमंत्रियों समेत दो दर्जन से ज्यादा उच्च स्तरीय अफसरों के नाम शामिल हैं. विदेशों में अफगानिस्तान के राजनयिक मिशनों में नए दूत व अफसरों की नियुक्ति पर नॉर्वे में देश के पूर्व राजदूत शुक्रिया बराकजई ने कहा कि तालिबान द्वारा राजनयिक मिशनों में नई नियुक्ति तब तक संभव नहीं है, जब तक कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस्लामिक अमीरात को मान्यता नहीं देता.
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वहीं एक राजनीतिक कार्यकर्ता अहमद खान अंदर ने कहा, अगर (काबुल) के उन दूतावासों के साथ अच्छे राजनीतिक संबंध नहीं हैं, तो वे दूतावास अपना काम ठीक से नहीं कर सकते क्योंकि उन्हें अपने कर्मचारियों के वेतन और दूतावासों के खर्च के लिए बजट की जरूरत है. अमेरिका ने इस्लामिक स्टेट (खुरासान) आईएस-के के तीन शीर्ष कमांडरों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बताया कि काली सूची में डाले गए आतंकियों में सनाउल्लाह गफारी, सुल्तान अजीज आजम और मौलवी रजब शामिल हैं. अमेरिका ने इन तीनों को विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकियों की सूची में इसलिए डाला है ताकि अफगानिस्तान अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का मंच न बन सके.
Source : News Nation Bureau