अफगानिस्तान में तालिबान ने नई सरकार के गठन की घोषणा कर दी है. नई सरकार कार्यवाहक यानी अंतरिम सरकार है. मुल्ला हसन अखुंद तालिबान सरकार के प्रधानमंत्री और मुल्ला अब्दुल ग़नी बरादर उप प्रधानमंत्री का दायित्व संभालेंगे.तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने नई अफगान सरकार और कैबिनेट की घोषणा की है. इसके मुताबिक मुल्ला मुहम्मद हसन नई सरकार के मुखिया यानी प्रधानमंत्री होंगे. वहीं मुल्ला अब्दुल गनी उपप्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त किए जाएंगे. इसके अलावा मुल्ला याकूब, रक्षा मंत्री, सिराजुद्दीन हक्कानी गृह मंत्री और मुल्ला अमीर खान मुत्ताकी विदेश मंत्री के पद पर नियुक्त होंगे. इससे पहले खबर आई थी कि तालिबान 9/11 हमले वाले दिन यानी 11 सितंबर को नई सरकार का ऐलान कर सकता है. हालांकि अब तालिबान ने आज यानी मंगलवार को ही सरकार के गठन की घोषणा कर दी है.
तीन हफ्ते से ज़्यादा राय मशवरे और बहस मुबाहिसे के बाद तालिबान को अफगानिस्तान की सरकार का सुप्रीम लीडर मिल गया . मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद और ये पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रान्त की राजधानी, क्वेटा, में स्थित रहबरी शूरा के प्रमुख हैं. रहबरी शूरा को क्वेटा शूरा के नाम से भी जाना जाता है. अभी तक माना जा रहा था कि हैबतुल्लाह अखुंदज़ादा, जो खुद भी क्वेटा शूरा से लम्बे समय से जुड़े रहे हैं, तालिबान सरकार में सुप्रीम लीडर की भूमिका निभाएंगे.
ध्यान देने वाली बात ये है कि मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद और मुल्ला हैबतुल्लाह अखुंदज़ादा 20 साल से एक दूसरे के साथ क्वेटा शूरा में मिल कर काम करते रहे हैं. बताया तो यह जा रहा है कि हैबतुल्लाह अखुंदज़ादा ने ही मुल्ला हसन अखुंद का नाम सुप्रीम लीडर के लिए आगे किया और क्वेटा शूरा के सदस्यों ने इस पर अपनी रज़ामंदी ज़ाहिर कर दी.
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मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद पख्तून मूल और कंधार के हैं. हसन अखुंद तालिबान का संस्थापक सदस्य है. क्वेटा शूरा में 20 साल तक काम करने के बाद मुल्ला हसन अखुंद को तालिबान बड़ी इज़्ज़त से देखता है. एक फौजी कमांडर से ज़्यादा इनका नाम एक धार्मिक नेता के रूप में है. इन्होंने पाकिस्तान के कई मदरसों में पढ़ाई की. अखुंद को एक लो-प्रोफाइल नेता माना जाता है. मुल्ला हसन अखुंद अफगानिस्तान की पिछली सरकारों में बड़े पदों पर रहा हैं.
जब मुल्ला मोहम्मद रब्बानी अखुंद मुल्क के प्रधानमंत्री थे, उस समय मुल्ला हसन अखुंद पहले विदेश मंत्री और उसके बाद उप प्रधानमंत्री की ज़िम्मेदारी संभाल चुके हैं. ये कंधार के गवर्नर और 2001 में मंत्री परिषद के उप-प्रधान भी थे. यू एन की एक लिस्ट के हिसाब से मुल्ला हसन अखुंद तालिबान के 30 संस्थापक सदस्यों में से एक हैं.
साल 2001 तक ये इतने सीनियर हो चुके थे कि डिफेंस, इंटेलिजेंस, गृह, संस्कृति और कम्युनिकेशन मंत्रालय और सुप्रीम कोर्ट इनकी ज़िम्मेदारियों में शुमार थे.
पढ़ें तालिबान सरकार में कौन क्या:
मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद- प्रधानमंत्री
मुल्ला अब्दुल गनी बरादर- उप प्रधानमंत्री
मौलवी मोहम्मद याकूब मुजाहिद-रक्षा मंत्री
मुल्ला सिराजुद्दीन हक्कानी-गृह मंत्री
अमीर खान मोटाकी- विदेश मंत्री
मुल्ला हिदायतुल्लाह बदरी- वित्त मंत्री
मुल्ला खैरूल्लाह खैरखां सूचना एवं संस्कृति मंत्री
मुल्ला अब्दुल लतीफ मंसूर- जल एवं बिजली
अब्दुल वकी हक्कानी- शिक्षा मंत्री
नजीबुल्लाह हक्कानी- दूरसंचार मंत्री
खलील-उल-रहमान हक्कानी- शरणार्थी मंत्री
अब्दुल हक वासिक- इंटेलीजेंस मंत्री
ङाजी अदरीश- अफगानिस्तान बैंक मंत्री
कारी दीन मोहम्मद हनीफ- वाणिज्य मंत्री
मौलवी अब्दुल हाकिम शारिया- न्याय मंत्री
नूरूल्लाह नूरी- सीमा एवं ट्राइव्स मंत्री
यूनिस अखुंदजादा -ग्रामीण विकास
मुल्ला अब्दुल मन्नान ओमरी सार्वजनिक लाभ
मुल्ला मोहम्मद इशा अखुंद- खनिज मंत्री
फसीहुद्दीन- Levi Drastiz
शीर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजाई- उप विदेश मंत्री
मोलवी नूर जलाल- उप गृह मंत्री
जबीहुल्लाह मुजाहिद-उप सूचना एवं संस्कृति मंत्री
मुल्ला ताज मीर जावेद- प्रथम उप मुख्य इंटेलिजेंस मंत्री
मुल्ला रहमतुल्लाह नजीब उप मुख्य इंटेलिजेंस मंत्री
मुल्ला अब्दुल हक- उप गृहमंत्री एवं ड्रग कंट्रोल
HIGHLIGHTS
- मुल्ला हसन अखुंद तालिबान सरकार के प्रधानमंत्री और मुल्ला अब्दुल ग़नी बरादर उप प्रधानमंत्री
- सिराजुद्दीन हक्कानी गृह मंत्री और मुल्ला अमीर खान मुत्ताकी विदेश मंत्री के पद पर नियुक्त
- तीन हफ्ते से ज़्यादा राय मशवरे और बहस मुबाहिसे के बाद तालिबान सरकार का ऐलान