बीते साल अगस्त में लगभग दो दशकों बाद काबुल पर कब्जे पर तालिबान (Taliban) ने अपनी कट्टर छवि तोड़ सभी को साथ लेकर चलने की बात कही थी. यह अलग बात है कि सरकार बनाते ही उसने लड़कियों के स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने पर रोक लगा दी. इसके अलावा महिलाओं और लड़कियों पर तमाम प्रतिबंध और थोप दिए. वह भी तब जब वैश्विक समुदाय इन प्रतिबंधों को लेकर तालिबान की लगातार आलोचना करता रहा. हालांकि बदले रवैये में तालिबान ने अफगान लड़कियों (Girls Education) को इस सप्ताह हाई स्कूल स्नातक परीक्षा देने की अनुमति दे दी है. द एसोसिएटेड प्रेस ने अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी दो दस्तावेजों के आधार पर यह खबर दी है. इन दस्तावेजों के मुताबिक यह निर्णय अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से 31 पर लागू होता है. गौरतलब है कि इन प्रांतों के स्कूलों में दिसंबर के अंत से शीतकालीन अवकाश शुरू हो जाएगा.
स्कूलों में पढ़ाई की अनुमति नहीं दी थी तालिबान ने
काबुल शिक्षा विभाग के प्रमुख एहसानुल्लाह किताब ने कहा कि परीक्षाएं बुधवार को संपन्न हो जाएंगी. उन्होंने कोई अन्य विवरण नहीं दिया. इसके साथ ही यह भी साफ नहीं है कि किशोरवय की कुल कितनी लड़कियां हाईस्कूल स्नातक परीक्षा दे रही हैं. शिक्षा मंत्रालय के इस आदेश में कंधार, हेलमंद और निमरोज प्रांतों की लड़कियों की परीक्षा का कोई जिक्र नहीं है. हालांकि इन प्रांतों में स्कूल वर्ष के लिए एक अलग समय सारिणी है और हाई स्कूल स्नातक परीक्षा आमतौर पर बाद में होती हैं. तालिबान के परीक्षा संबंधी निर्णयों का लड़कियां दबे-छिपे स्वर में विरोध भी कर रही है.. काबुल की 18 वर्षीय नजेला ने तालिबान के डर से अपना पहला नाम बताते हुए कहा, 'तालिबान सरकार के लड़कियों के लिए स्कूल के दरवाजे बंद करने से हमने पूरा साल तनाव और दबाव में बिताया है. अपनी पाठ्यपुस्तकों का एक भी पन्ना नहीं पढ़ा. अब डेढ़ साल बाद हम कैसे परीक्षा दे सकते हैं. '
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तालिबान ने शरिया के कठोर कानून थोपे हैं लड़कियों-महिलाओं पर
गौरतलब है कि 2021 के अगस्त में अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटो सेना की वापसी के बीच तालिबान ने दो दशकों बाद फिर से कब्जा कर लिया था. काबुल पर कब्जे के बाद शुरुआती दौर में तालिबान ने अधिक उदार शासन समेत महिलाओं और अल्पसंख्यक अधिकारों के संरक्षण का वादा किया था. यह अलग बात है कि इस वादे को दरकिनार कर शरिया के तहत कठोर इस्लामिक कानून लागू कर लड़कियों और महिला की स्वतंत्रता और अधिकारों को प्रतिबंधित कर दिया. तालिबान ने मिडिल स्कूल और हाई स्कूल में लड़कियों की स्कूली पढ़ाई पर प्रतिबंध लगा दिया. महिलाओं को अधिकांश रोजगार से प्रतिबंधित कर दिया और उन्हें सार्वजनिक रूप से सिर से पैर तक ढंकने वाले कपड़े पहनने का आदेश दिया है. महिलाओं के पार्क, जिम और मनोरंजन की ऐसी जगहों पर जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया, जहां पुरुष मौजूद हों.
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अगले साल मार्च में फिर से परीक्षा दे सकेंगी छात्राएं
गौरतलब है कि तालिबान ने महिलाओं को विश्वविद्यालयों में प्रवेश से वंचित नहीं किया है. ऐसे में इस नए आदेश का एक अर्थ यह भी है कि बुधवार को हाई स्कूल परीक्षा देने के बाद उसमें पास होने वाली लड़कियां विश्वविद्यालयों में प्रवेश ले सकेंगी. हालांकि हाई स्कूल परीक्षा की अनुमति को छात्राओं समेत शिक्षिकाएं सही नहीं मान रही हैं. काबुल हाई स्कूल की एक प्रिंसिपल के मुताबिक बारहवीं कक्षा की लड़कियों को14 विषयों में परीक्षा देने के लिए सिर्फ एक दिन मिला, जिसमें प्रत्येक विषय में 10 प्रश्न होंगे. परीक्षा के दौरान छात्राओं और शिक्षिकाओं के लिए तालिबान ने ड्रेस कोड भी लागू किया है. दोनों को हिजाब पहनना होगा और परीक्षा के दौरान सेलफोन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जो लड़कियां परीक्षा में उपस्थित नहीं हो सकेंगी या फेल हो जाएंगी उन्हें अगले साल मार्च के मध्य में फिर से परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी. गौरतलब है कि तालिबान वैश्विक देशों से लगातार मदद की गुहार लगा रहा है.
HIGHLIGHTS
- तालिबान ने लड़कियों की स्कूली पढ़ाई पर लगा रखा है प्रतिबंध
- बगैर पढ़ाई अब हाई स्कूल स्नातक परीक्षा देने की दे दी अनुमति
- एक दिन में ही होगी सारे विषयों की परीक्षाएं. ड्रेस कोड भी लागू