अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का एक बड़ा नेता ड्रोन हमले से बाल-बाल बचा है. पूर्वी अफगानिस्तान में एक सुरक्षित जगह पर संदिग्ध ड्रोन से नेता पर हमला हुआ. इस बात की जानकारी शुक्रवार को आतंकवादी समूह ने दी. आपको बता दें कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और सरकार के बीच संघर्ष विराम के एक सप्ताह बाद ही गुरुवार शाम को ड्रोन स्ट्राइक की गई. कहा जा रहा है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान एक अलग गुट है लेकिन अफगानिस्तान के नए नेताओं के साथ इनकी सांठगांठ है.
साल 2007 में टीटीपी के गठन के बाद इस संगठन ने पाकिस्तान में भीषण हिंसा की थी. टीटीपी के सूत्रों ने मीडिया को जानकारी दी है कि मौलवी फकीर मोहम्मद पाकिस्तान की सीमा से लगे पूर्वी प्रांत कुनार के चौगाम गांव में ड्रोन हमले का टारगेट था.
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सूत्र से आगे बताया कि ड्रोन हमले के वक्त मौलवी फकीर मोहम्मद वहां मौजूद नहीं थे. इस हमले में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के दो लड़ाके घायल हो गए. अफगानिस्तान तालिबान के प्रवक्ता बिलाल करीमी ने बताया कि यह हमला जमीन से दागा गया एक विस्फोटक था.
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तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान 14 साल पहले अस्तित्व में आया. पाकिस्तानी सरकारों ने इस पर लगातार हमले करते रहे. तकरीबन 70,000 हत्याओं का आरोप लगा. लेकिन इस वक्त अफगानिस्तान में तालिबान की जीत के बाद पाकिस्तान अब तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान की वापसी को रोकने की कोशिश में जुटा है.