जैसी करनी वैसी भरनी वाली कहावत पाकिस्तान (Pakistan) पर फिर चरितार्थ हो रही है. इस्लामाबाद की लाल मस्जिद (Lal Masjid) पर फहराते तालिबानी झंडे ने इमरान सरकार के होश उड़ा दिए हैं. इस्लामिक कट्टरता का गढ़ कही जाने वाली लाल मस्जिद के कट्टरपंथी मौलाना अब्दुल अजीज ने महिलाओं के मदरसे जामिया हफ्सा पर फहराते तालिबान (Taliban) के झंडे का न सिर्फ बचाव किया है, बल्कि उसे उतारने पहुंची पुलिस को भी धमकी दे डाली. इस बाबत एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें मौलाना की पाकिस्तान तालिबान के नाम पर धमकाने की बात साफतौर पर सुनी जा सकती है.
रायफल थाम मदरसे के बाहर बैठे मौलाना
वायरल वीडियो में मौलाना तालिबान का झंडा उतारने पहुंचे पुलिसवालों को धमकाते हुए कह रहे हैं कि ऐसा करने पर पाकिस्तान तालिबान उन्हें कतई माफ नहीं करेगा. इसके साथ ही मौलाना यह भी कहते हैं कि अगर यही सब करना है तो ऐसी नौकरी करने से कोई फायदा नहीं है. मौलाना पुलिस वालों को सलाह देते नजर आ रहे हैं... इस नौकरी को छोड़ो, अल्लाह और अच्छी नौकरियां देगा. कुछ फुटेज में मौलाना हाथ में रायफल थामे मदरसे के बाहर बैठे नजर आ रहे हैं. यही नहीं, मौलाना को घेर कर अच्छी खासी तादाद में महिलाएं भी खड़ी हैं. वीडियो में दिख रहा है कि पुलिस के पहुंचते ही मदरसे की छत और खुले मैदान में महिलाएं पहुंच गई थीं.
Scenes outside Jamia Hafsa in Islamabad after policemen arrived at the seminary to remove Afghan Taliban's flag from its rooftop. Red Mosque's Maulana Abdul Aziz can be seen carrying a weapon pic.twitter.com/jkJ8XH5R1v
— Roohan Ahmed (@Roohan_Ahmed) September 18, 2021
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अगस्त में भी फहराया गया तालिबान का झंडा
हालांकि इस वीडियो और हाथ में रायफल थामे मौलाना का वीडियो वायरल होने के कुछ घंटों बाद ही लाल मस्जिद के मदरसे से तालिबान का झंडा उतार लिया गया. साथ ही अफगानी तालिबान का झंडा फहराने के आरोप में मौलाना पर एक केस भी दर्ज कर लिया गया. हालांकि मदरसे में तालिबानी झंडा कोई पहली बार नहीं फहराया गया है. इसके पहले अगस्त में भी तालिबान का झंडा दिखा था. और तो और मौलाना ने शरिया का हवाला देकर लाल मस्जिद में फतह मुबारक कांफ्रेस आयोजित करने की बात कही थी.
Red Mosque's Maulana Abdul Aziz is threatening policemen with violence who have come to remove Afghan Taliban flag from Jamia Hafsa. #Islamabad #Pakistan pic.twitter.com/D17kB6nMWI
— Roohan Ahmed (@Roohan_Ahmed) September 18, 2021
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इसलिए चर्चित है लाल मस्जिद
- 2007 में परवेज मुशर्रफ के शासनकाल में लाल मस्जिद में एक सैन्य अभियान चलाया गया था. पाकिस्तान सरकार को खबर मिली थी कि लाल मस्जिद में तालिबान लड़ाके पनाह लिए हुए हैं. इस अभियान में 100 से ऊपर लोगों की मौत हो गई थी.
- इसी सैन्य अभियान में मौलाना की मां और भाई भी मारे गए थे. सरकार के कब्जे के बाद मौलाना को गिरफ्तार कर लिया गया था. अप्रैल 2009 में मौलाना को रिहा किया गया था. मौलाना ने रिहा होने के बाद सारे मुकदमे माफ करने की अपील भी की थी.
- सामरिक विशेषज्ञ बताते हैं कि लाल मस्जिद के सैन्य ऑपरेशन के बाद ही तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान अस्तित्व में आया. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि दो दिन पहले ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि यदि टीटीपी आतंकी गतिविधियों में शिरकत नहीं करने की बात मान लें तो इमरान सरकार सभी टीटीपी सदस्यों को बख्श सकती है.
HIGHLIGHTS
- इस्लामिक कट्टरता का गढ़ है लाल मस्जिद
- इसी से पैदा हुआ तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान
- मौलाना ने दे डाली अंजाम भुगतने की धमकी