दो दशकों बाद अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान ने फिर से कब्जा जमाने के बाद लगातार बदली छवि का मुजाहिरा पेश किया है. तालिबान (Taliban) के शीर्ष कमांडर समेत राजनीतिक नेता भी दावा कर रहे हैं कि तालिबान बदले चेहरे और विचारों के साथ अफगानिस्तान में सरकार चलाएगा. इस लिहाज से देखें तो तालिबान की अंतरिम सरकार ने 11 सितंबर को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह को टालकर अमेरिका (America) को एक बहुत बड़ी शर्मिंदगी से बचा लिया है. अगर यह शपथ ग्रहण समारोह होता, तो अमेरिकी नेतृत्व के लिए जिल्लत वाली बात होती. इसकी वजह यह है कि अमेरिका 11 सितंबर को हुए आतंकी हमला (Terror Attack) को लेकर शनिवार को श्रद्धांजलि और बरसी कार्यक्रम आयोजित कर रहा है.
सहयोगियों के दबाव में लिया तालिबान ने फैसला
रूस की तास समाचार एजेंसी के मुताबिक तालिबान ने अपने सहयोगियों के दबाव में अफगानिस्तान में अपनी नवगठित अंतरिम सरकार के शपथ-ग्रहण समारोह को रद्द किया है. इसकी जानकारी अफगान सरकार के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य इनामुल्ला समांगानी ने ट्विटर दी है. उनकी ट्वीट के मुताबिक नई अफगान सरकार का शपथ-ग्रहण कुछ दिन पहले रद्द कर दिया गया था. लोगों को और भ्रमित न करने के लिए इस्लामिक अमीरात के नेतृत्व ने कैबिनेट की घोषणा की और पहले से ही काम करना शुरू कर दिया है. गौरतलब है कि 9/11 आतंकी हमले में करीब 3000 से अधिक लोगों की मौतें हो गई थीं.
शपथ ग्रहण समारोह का अमेरिका को भी न्योता
यहां यह भी कतई नहीं भूलना चाहिए कि तालिबान सरकार ने चीन, तुर्की, पाकिस्तान, ईरान, कतर और भारत जैसे पड़ोसी देशों के साथ ही अमेरिका को भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता दिया है. जाहिर है शपथ ग्रहण समारोह रद्द करने का कदम तालिबान ने ऐसे समय पर उठाया है जब अधिकतर देशों देखो और इंतजार करो की नीति पर चल रहे हैं. इन सभी देशों का कहना है कि वे तालिबान को मान्यता देने में कतई कोई जल्दबाजी नहीं करेंगे. इसके पहले तालिबान ने कई बार टाल-मटोलीकरते हुए बीते मंगलवार को अंतरिम सरकार का ऐलान किया था.
HIGHLIGHTS
- सहयोगियों के दबाव में तालिबान ने टाला अंतरिम सरकार का शपथ ग्रहण कार्यक्रम
- 11 सितंबर को होना था समारोह, जब अमेरिका मना रहा है आतंकी हमले की बरसी
- तालिबान ने कई देशों को दिया है शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता