पाकिस्तान को अब उसके ही पाले-पोसे आतंकी संगठन आंखें दिखाने लगे हैं. गौरतलब है कि पाकिस्तान (Pakistan) के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह (Rana Sanaullah) ने विगत दिनों कहा था पाकिस्तान तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के अफगानिस्तान (Afghanistan) में ठिकानों को निशाना बनाएगा. इस पर आंखें तरेरते हुए तालिबान ने पाकिस्तान से 'आधारहीन और उकसाने वाली बातों से बचने' के लिए कहा है. तालिबान (Taliban) के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए एक बयान में कहा, 'अफगानिस्तान का इस्लामी अमीरात पाकिस्तान सहित अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता है. साथ ही इस लक्ष्य को हासिल करने के सभी तरीकों को अपनाने में विश्वास करता है.'
आधारहीन और उकसावे वाले बयानों से बचने को कहा
जबीहुल्लाह मुजाहिद ने अपने बयान में कहा कि यह खेद की बात है कि पाकिस्तानी अधिकारी अफगानिस्तान के बारे में गलत बयानी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस्लामिक अमीरात भरसक कोशिश कर रहा है कि पाकिस्तान या किसी अन्य देश के खिलाफ अफगानिस्तान की सरजमीं का इस्तेमाल न किया जाए. उन्होंने कहा, 'हम इस लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन पाकिस्तानी पक्ष की भी जिम्मेदारी है कि वह जटिल स्थितियों का समाधान करे. आधारहीन और उत्तेजक बातों से बचें. ऐसी बातचीत और अविश्वास किसी भी पक्ष के हित में नहीं है'. तालिबान का यह ताजा बयान अफगानिस्तान में तहरीक तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) की मौजूदगी के बारे में पाकिस्तान के गृह मंत्री की गई टिप्पणियों को खारिज करने के बाद आया है. इस्लामिक समूह ने कहा कि वह देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए तैयार है.
यह भी पढ़ेंः China को फिर जयशंकर ने दिखाया आईना... समझौतों का सम्मान करने में विफलता से LAC पर तनाव
तालिबान ने आपसी समझ से समस्या सुलझाने को कहा
सुविज्ञ रहे कि पिछले हफ्ते पाकिस्तान के गृह मंत्री ने कहा था कि पाकिस्तान अफगानिस्तान के टीटीपी के ठिकानों को निशाना बनाएगा. पाकिस्तान के मंत्री ने कहा था, 'जब ऐसी समस्याएं सामने आती हैं, तो हम सबसे पहले अपने इस्लामिक भाई राष्ट्र अफगानिस्तान से इन ठिकानों को खत्म करने और इन व्यक्तियों को हमें सौंपने के लिए कहते हैं, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है, तो इस्लामाबाद इन ठिकानों को निशाना बनाएगा.' तालिबान के रक्षा मंत्रालय ने पाकिस्तान मंत्री के इस बयान को भड़काऊ और निराधार. साथ ही तालिबान के प्रवक्ता ने बयान अलग से जारी कर कहा, 'किसी भी मुद्दे या समस्या को आपसी समझ के जरिए सुलझाया जाना चाहिए. इस तरह के आरोप दोनों पड़ोसियों के बीच अच्छे संबंधों को नुकसान पहुंचाते हैं.'
यह भी पढ़ेंः JK: Indo-Pak Border पर सांबा में कर्फ्यू, 9PM-6AM के बीच जाने की मनाही
टीटीपी ने संघर्ष विराम तोड़ तेज कर दिए हैं आतंकी हमले
गौरतलब है कि बीते साल अगस्त में काबुल पर सत्ता पर दो दशकों बाद काबिज होने के बाद से टीटीपी तालिबान से संबद्ध है. बीते नवंबर महीने में ही कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन टीटीपी ने तालिबान सरकार के साथ अफगान तालिबान की मध्यस्थता वाले संघर्षविराम को खत्म करने की घोषणा के बाद पाकिस्तान में आतंकी हमले तेज कर दिए हैं. इस्लामाबाद स्थित एक थिंक-टैंक ने टीटीपी को देश के लिए सबसे बड़े खतरे के रूप में उभरने की आशंका जताते हुए कहा कि साल 2022 एक दशक से अधिक समय में पाकिस्तान के सुरक्षाकर्मियों के लिए सबसे घातक महीने के साथ समाप्त हुआ. अपनी वार्षिक रिपोर्ट में सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज ने कहा कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा से जुड़े इलाकों में पिछले महीने आईईडी. आत्मघाती हमलों और आतंकी हमलों में तेजी आई है.
HIGHLIGHTS
- पाकिस्तान के गृह मंत्री सनाउल्लाह ने अफगानिस्तान में टीटीपी ठिकानों पर हमले की बात कही
- इस बयान को आधारहीन और उकसावेपूर्ण बता तालिबान सरकार ने पाकिस्तान को दी चेतावनी
- टीपी ने बीते साल नवंबर में संघर्ष विराम तोड़ सीमावर्ती इलाकों में तेज किए आतंकी हमले