अफगानिस्तान (Afghanistan) में ईरान की तर्ज पर तालिबान (taliban) सरकार बनाने जा रही है. तालिबान सरकार बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है. आज यानी 3 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद सरकार बनाई जाएगी. मीडिया हाउस की रिपोर्ट की मानें तो सबसे बड़े धार्मिक नेता मुल्ला हेबतुल्ला अखुंदजादा को देश का सर्वोच्च नेता बनाया जाएगा. तालिबान की मानें तो बातचीत की प्रक्रिया पूरी हो गई है और सरकार के रुपरेखा पर मुहर लग गई है. तालिबान के वरिष्ठ नेता अहमदुल्ला मुत्तकी ने सोशल मीडिया को बताया कि राष्ट्रपति भवन में समारोह की तैयारी चल रही है. उन्होंने आगे बताया कि हेबतुल्ला अखुंदजादा धार्मिक पदाधिकारी और बड़े राजनीतिक होंगे. वो सेना, सरकार और न्याय व्यवस्था के प्रमुखों की नियुक्ति कर सकेंगे. उनका पद राष्ट्रपति से भी ऊपर होगा.
अहमदुल्लाह मुत्तकी ने सोशल मीडिया पर आगे जानकारी साझा करते हुए कहा कि देश के राजनीतिक, धार्मिक और सैन्य मामलों में उनका निर्णय अंतिम माना जाएगा.
तालिबान के कल्चरल कमिशन के सदस्य अनमुल्लाह समनगनी ने मीडिया को बताया कि नई सरकार पर विचार-विमर्श की प्रक्रिया पूरी हो गई है और कैबिनेट को लेकर जरूरी फैसले भी ले लिए गए हैं. हम जिस इस्लामी सरकार का ऐलान करेंगे वह लोगों के लिए उदाहरण होगी. अखुंदजादा के नेतृत्व में सरकार बनने को लेकर कोई शक नहीं है. वह सरकार के मुखिया होंगे और इसपर कोई सवाल ही नहीं किया जा सकता.
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इधर, सरकार गठन के पहले से ही तालिबान इस आशा में था कि उसकी सरकार को अमेरिका, चीन आदि देश मान्यता दे देंगे. लेकिन औपचारिक रूप से अभी किसी देश ने तालिबान को मान्यता नहीं दी है. अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन को लेकर व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका या अन्य किसी देश को तालिबान को मान्यता देने की कोई जल्दबाजी नहीं है, क्योंकि यह कदम पूरी तरह इस बात पर निर्भर करेगा कि वह वैश्विक समुदाय की उम्मीदों पर कितना खरा उतरता है.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अमेरिका या अन्य किसी देश, जिससे हमने बात की है उसे तालिबान को मान्यता देने की कोई जल्दबाजी नहीं है.
HIGHLIGHTS
- आज जुमे की नमाज के बाद तालिबान की बनेगी सरकार
- मुल्ला हेबतुल्ला अखुंदजादा होंगे सुप्रीम लीडर