अफगानिस्तान पर पूर्ण कब्जा करने के बाद अब तालिबान जल्द ही वहां नई सरकार के गठन की घोषणा करने वाला है. तालिबान ने अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन के प्रक्रिया तेज कर दी है. इससे पहले तालिबान ने घोषणा की कि उसके प्रतिनिधिमंडल ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में राजनीतिक हस्तियों से मुलाकात की और उन्हें विद्रोही समूह द्वारा देश पर कब्जा करने के लगभग एक हफ्ते बाद सुरक्षा का आश्वासन दिया. कतर की राजधानी दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता मुहम्मद नईम ने शनिवार को एक ट्वीट में कहा, "अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात के राजनीतिक कार्यालय के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज काबुल में कई राजनीतिक हस्तियों से मुलाकात की."
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समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल ने उपस्थित लोगों को इस्लामिक अमीरात के भविष्य के बारे में बताया कि तालिबान शासन के तहत एक मजबूत केंद्र सरकार चाहता है जो कानून के शासन का सम्मान करता है और सभी नागरिक को अपने देश की सेवा करने का अवसर देता है. टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, बैठक के एक दिन बाद पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और अब्दुल्ला अब्दुल्ला, राष्ट्रीय सुलह की उच्च परिषद के प्रमुख, काबुल के कार्यवाहक गवर्नर अब्दुल रहमान मंसूर से मिले, जिसमें उन्होंने काबुल शहर की सुरक्षा और लोगों के जीवन और संपत्तियों की सुरक्षा पर चर्चा की. ऐसी खबरें थीं कि तालिबान का उप नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर काबुल पहुंच गया है.मई में शुरू हुए देश से अमेरिका और नाटो बलों की तेजी से वापसी के बाद, अफगानिस्तान के अधिकांश हिस्सों पर नियंत्रण करने के बाद तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल में प्रवेश किया. दो दिन बाद, तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि उनका इरादा एक समावेशी सरकार बनाने का है और वे कोई आंतरिक या बाहरी दुश्मन नहीं चाहते हैं.
Source : News Nation Bureau