अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा है. लोकतांत्रिक सरकार का वहां तख्तापलट हुए लंबा अरसा हो गया लेकिन अभी तक वहां कोई सरकार नहीं बन पायी है. अफगानिस्तान से पलायन जारी है तो अब वहां जरूरी चीजों की किल्लत हो गयी है. आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुचारू रूप से होती रहे, इसके लिए अब तालिबान सक्रिय हुआ है. लेकिन किसी सरकार के अभाव में वैश्विक संस्थाएं और देश अफगानिस्तान की मदद करने में सहज महसूस नहीं कर रहे हैं. तालिबान अब आगे बढ़कर वैश्विक संस्थाओं से बात करने में लगा है.
तालिबान के मुल्ला बरादर ने रविवार को काबुल में विदेश मंत्रालय में संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के संयुक्त महासचिव मार्टिन ग्रिफिथ्स से मुलाकात की, जहां ग्रिफिथ्स ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र अफगानिस्तान के साथ अपना समर्थन और सहयोग जारी रखेगा, तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने ट्वीट किया:
Taliban’s Mullah Baradar met with Martin Griffiths, UN under-secy-general for humanitarian affairs, on Sunday at the foreign ministry in Kabul, where Griffiths said UN will continue its support & cooperation with Afghanistan, Taliban spokesman Mohammad Naeem tweeted: TOLO news pic.twitter.com/XR8IkZUSsE
— ANI (@ANI) September 5, 2021
तालिबान काबुल पर कब्जे के बाद से ही वैश्विक समुदाय को आश्वस्त करने का प्रयास कर रहा है कि तालिबान देश में 1990 में थोपी गई क्रूर सत्ता वाली भूमिका से बाहर आ चुका है. तालिबान ने भरोसा दिया कि वे किसी भी देश या व्यक्ति के खिलाफ बदले की कार्रवाई नहीं करने जा रहे हैं. साथ ही महिलाओं से लेकर युवाओं और मीडिया तक की स्थिति भी अपने शासन में स्पष्ट करने का प्रयास किया.
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अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद कई सालों से परदे के पीछे रहकर तालिबान का पक्ष रखने वाले तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में करके दुनिया के सामने सार्वजनिक तौर पर पेश हुए थे. उन्होंने कहा था, हम कोई भी आंतरिक या बाहरी दुश्मन नहीं चाहते. हम अन्य देशों के साथ शांतिपूर्ण संबंध बनाना चाहते हैं. उन्होंने वैश्विक समुदाय से तालिबान शासन को मान्यता देने की अपील की थी.
मुजाहिद ने कहा, हम अमेरिका समेत समस्त वैश्विक समुदाय और अपने पड़ोसियों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हमारी जमीन से आपको नुकसान नहीं पहुंचने दिया जाएगा. हम अपनी धरती का इस्तेमाल दुनिया में किसी भी व्यक्ति या देश के खिलाफ नहीं होने देंगे.
तालिबान प्रवक्ता ने कहा था, अफगानिस्तान में सब सुरक्षित हैं. हम किसी से बदला नहीं लेंगे. पूर्व अफगान सरकार के सदस्य, सैनिकों के साथ ही विदेशी सेनाओं के साथ काम करने वाले ठेकेदारों और अनुवादकों, सभी अपने नेता के आदेश पर हमने माफ कर दिया है और हम सभी की सुरक्षा की गारंटी लेते हैं. कोई भी आपका दरवाजा खटखटाने नहीं जा रहा है.
HIGHLIGHTS
- तालिबान के मुल्ला बरादर ने काबुल में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव से की मुलाकात
- मानवीय आधार पर अफगानिस्तान को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति जारी रखने की अपील की
- तालिबान अब आगे बढ़कर वैश्विक संस्थाओं से बात करने में लगा है