आतंकवादी समूह अपनी शक्ति और प्रभाव को मजबूत करने के लिए कोरोनावायरस महामारी का उपयोग कर रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन इंटरपोल ने मंगलवार को यह खुलासा किया. इंटरपोल की ओर से इस संबंध में एक रिपोर्ट जारी करने के बाद आतंकवादी समूहों की गतिविधियों की जांच करने के लिए भारत में खुफिया और सुरक्षा प्रतिष्ठान सतर्क हो गए हैं.
इंटरपोल ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें वैश्विक आतंकवाद पर कोविड-19 के पड़ने वाले प्रभाव पर ध्यान केंद्रित किया गया है. इसमें पांच मुख्य खतरों से संबंधित कारकों पर ध्यान फोकस किया गया है, जिनमें कोविड-19 प्रकोप से जुड़ी विशेषताएं और मेडिकल एडवांस, वैश्विक या राष्ट्रीय प्रतिक्रिया, सोशल क्लाइमेट, सुरक्षा तंत्र का लचीलापन और आतंकवादियों की रणनीति और क्षमता के साथ ही नॉन स्टेट एक्टर्स शामिल हैं.
इंटरपोल ने कहा, जैसे कि कोविड-19 मामले कुछ क्षेत्रों में घट रहे हैं और अन्य कुछ जगहों पर बढ़ रहे हैं, रिपोर्ट आतंकवादी नेटवर्क, हिंसक चरमपंथी समूहों और अन्य संभावित खतरनाक नॉन स्टेट एक्टर्स की ओर से प्रतिक्रिया की निगरानी करने की महत्वपूर्ण आवश्यकता को रेखांकित करती है. मालूम हो कि नॉन स्टेट एक्टर्स उन कुख्यात लोगों के लिए इस्तेमाल शब्द है, जो सत्ता में न रहते हुए देश में अपनी समानांतर सरकार चलाते हैं.
बता दें कि इस महीने की शुरूआत में इंटरपोल ने अपने 194 सदस्य देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को वैश्विक अलर्ट जारी किया था कि संगठित अपराध नेटवर्क शारीरिक और ऑनलाइन दोनों ही तरीके से कोविड-19 वैक्सीन को निशाना बना सकते हैं. इंटरपोल द्वारा जारी किए गए बयान में ऑरेंज नोटिस के साथ कोविड-19 और फ्लू के नकली रूप, उनकी चोरी और अवैध विज्ञापन के संबंध में संभावित आपराधिक गतिविधि की बात कही गई है.
इंटरपोल, जो 194 सदस्य देशों में पुलिस को अंतर्राष्ट्रीय अपराध से लड़ने के लिए एक साथ काम करने में सक्षम बनाता है, उसने अब कहा है कि कुछ आतंकवादी समूह और अन्य नॉन स्टेट एक्टर्स महामारी का उपयोग अपनी शक्ति और प्रभाव को मजबूत करने के लिए कर रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि विशेष रूप से स्थानीय आबादी के लिए या अपने बाहरी वित्तीय संसाधनों का विस्तार करने के लिए ऐसा किया जा रहा है.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 का प्रभाव किस प्रकार पड़ा है और इसके साथ ही आतंकवादी संगठनों को मिलने वाले फंड पर भी इसका अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव पड़ने की संभावना है. इंटरपोल के महासचिव जुर्गेन स्टॉक ने सचेत करते हुए कहा है कि सभी अपराधियों की तरह ही आतंकवादी भी कोविड-19 से लाभ कमाने के लिए, पैसा बनाने के लिए और अपने आधार को मजबूत करने लिए प्रयासरत हैं.
महासचिव स्टॉक ने कहा, हमारी आतंकवाद आकलन रिपोर्ट कानून प्रवर्तन को इन चुनौतीपूर्ण खतरों की पहचान करने और उन्हें दूर करने में मदद करने के लिए एक और उपकरण है, जो चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में जारी की गई है. रिपोर्ट में संभावित खतरों को दूर करने के लिए वैश्विक कानून प्रवर्तन समुदाय के लिए सिफारिशें और पूर्व चेतावनी के संकेत शामिल हैं. दिल्ली स्थित एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने कहा कि वे रिपोर्ट को पूरी तरह से देख रहे हैं और आतंकी संगठनों की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी.
Source : News Nation Bureau