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कश्मीरी आतंकी, नक्सली बाल लड़ाकों की भर्ती कर रहे : एंटोनियो गुटेरेस

रपट में कठुआ दुष्कर्म मामले का हवाला देते हुए कहा गया है कि कश्मीर में सुरक्षाबलों द्वारा लड़कियों के खिलाफ यौन हिंसा की खबरें भी आईं है.

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Ravindra Singh
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कश्मीरी आतंकी, नक्सली बाल लड़ाकों की भर्ती कर रहे : एंटोनियो गुटेरेस

एंटोनियो गुटेरस (फाइल)

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कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी समूह और अन्य जगहों पर सक्रिय नक्सली समूहों ने बच्चों की भर्ती लड़ाकों के तौर पर की है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. बच्चों और सशस्त्र संघर्ष पर 2018 के लिए मंगलवार को जारी वार्षिक रपट में यह भी कहा गया है कि कश्मीर में सुरक्षाबलों के अभियानों में और नक्सल गतिविधि वाले क्षेत्रों में बच्चे लगातार मारे जा रहे हैं या घायल हुए हैं. रपट में कठुआ दुष्कर्म मामले का हवाला देते हुए कहा गया है कि कश्मीर में सुरक्षाबलों द्वारा लड़कियों के खिलाफ यौन हिंसा की खबरें भी आईं है. 

गुटेरेस ने हालांकि "खासतौर से राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के जरिए बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने के सरकार के कदमों का स्वागत किया है." उन्होंने कहा, "मैं सरकार को बच्चों के खिलाफ गंभीर अपराधों को रोकने और रोकथाम के मद्देनजर गंभीर उल्लंघन के अपराधियों को पकड़ने के लिए रोकथाम और जवाबदेही तय करने संबंधी व्यवस्था करने करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं." रपट में कहा गया है कि कश्मीर में "पांच बच्चों की भर्ती हिजबुल मुजाहिदीन (दो) और अंसार गजवत-उल-हिंद (एक) सहित आतंकवादी समूहों ने कथित तौर पर गया था, जिनमें से कुछ की उम्र 14 साल है. दो अन्य बच्चे लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हुए थे और कथित तौर पर नौ दिसंबर को सरकारी बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे." 

रपट में कहा गया है कि नक्सलियों द्वारा बच्चों की 'व्यवस्थित तरीके से भर्ती' किए जाने की खबर है. रपट में कहा गया है कि बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र और ओडिशा जैसे राज्यों में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की कार्रवाई के दौरान बच्चे भी हताहत हुए हैं. रपट में उदाहरण देते हुए कहा गया है कि पिछले साल 22 अप्रैल को महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में जिलास्तरीय विशेष बलों द्वारा चलाए गए नक्सल रोधी अभियान के दौरान कथित तौर पर आठ बच्चे मारे गए थे, और इस दौरान कम से कम 40 नक्सली मारे गए थे. रपट में कहा गया है कि कश्मीर में कथित तौर पर सात से 17 वर्ष के बीच के 31 बच्चे मारे गए. इसमें सरकारी सशस्त्र बलों द्वारा चलाए गए अभियान के दौरान मारे गए बच्चे भी शामिल हैं और कम से कम 150 बच्चे कथित तौर पर घायल हुए. इनमें ज्यादातर सुरक्षाबलों द्वारा इस्तेमाल की गई पेलेट बुलेट से घायल हुए हैं. 

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रपट में कहा गया है, "उदाहरण के तौर पर विशेष पुलिस अधिकारियों ने कठुआ जिले में एक आठ वर्षीय बच्ची का कथित तौर पर अपहरण कर उसे नशीला पदार्थ खिलाकर तीन दिनों तक उसके साथ दुष्कर्म किया और उसके बाद उसकी हत्या कर दी." उल्लेखनीय है कि कठुआ मामले में एक विशेष अदालत द्वारा पिछले महीने दोषी ठहराए गए छह लोगों में चार पुलिसकर्मी शामिल थे. गुटेरेस की रपट में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक स्तर पर 20 देशों में बच्चों के खिलाफ 24,000 से अधिक गंभीर अपराध के मामले सत्यापित किए हैं. रपट के अनुसार, बच्चों के लिए अफगानिस्तान सबसे खराब जगह रहा. पिछले साल, वहां 3,062 बच्चे हताहत हुए थे.

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HIGHLIGHTS

  • कश्मीर में आतंकी बच्चों की कर रहे भर्ती
  • युनाइटेड नेशन की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
  • कश्मीर में आतंक संगठन कर रहें बच्चों की भर्ती
Antonio Guterres UN report Kashmir Terror Groups Maoists Recruiting Child Warriors Secretary General of the United Nations
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