जब से श्रीलंका में आर्थिक संकट गहराया है तभी से श्रीलंकाई रुपया की हालत पतली होती जा रही है. श्रीलंकाई रुपया गिरावट में उच्चतम स्तर तक पहुंच गया है. जिससे देश में एक बार फिर महंगाई की मार आम आदमी को झेलनी पड़ सकती है, श्रीलंका में अब एक डॉलर की क़ीमत 364 श्रीलंकाई रुपये से ज्यादा हो चुकी है वहीं एक भारतीय रुपया अब 4.59 श्रीलंकाई रुपया तक पहुंच चुका है. जिससे श्रीलंका में आर्थिक हालात और बिगड़ने के आसार दिख रहे हैं. लोगों को खाने-पीने तक के लाले पड़े हैं. जानकारों के मुताबिक ऐसे श्रीलंकाई रुपये का लगातार गिरना श्रीलंका के लोगों के लिए बडी़ मुश्किले खड़ी कर सकता है, पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमतों में श्रीलंका में आग लगी हुई है. डीज़ल मिलना तो पहले से ही दूभर रहा है, वहीं अब पेट्रोल पर भी संकट मंडराने लगा है.
पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमतें आसमान पर
श्रीलंका में आर्थिक संकट के बाद पेट्रोल और डीज़ल मिलने का संकट काफ़ी ज्यादा है. डीज़ल तो पंप पर मिल ही नहीं रहा और अगर मिल रहा है तो लंबी लंबी कतारों में लगकर घंटों बिताने के बाद 10 ली. तक ही डीज़ल दिया जा रहा है. जिससे श्रीलंका में ट्रांसपोर्ट सिस्टम ठप हो चुका है, श्रीलंका में पेट्रोल की क़ीमत 550 रुपये प्रति ली तो वहीं डीज़ल की कीमत 520 रुपये प्रति ली हो चुका है. जिसमें हाल ही में पेट्रोल में 82 रुपये का इज़ाफ़ा हुआ था और डीज़ल की कीमतों में 116 रुपये तक का इज़ाफ़ा हुआ है.
खान-पान पर असर
श्रीलंका में एक गैस सिलेंडर 12.5 केजी की क़ीमत 4910 रुपये हो चुकी है. वहीं कैरोसीन ऑयल अब 297 रुपये प्रति ली. तक पहुंच चुका है. दूध पाउडर 1 KG 2895, आलू 1 KG 260, खाने का तेल 1 Litre 1090, आटा - 320 रुपये किलो, श्रीलंका में प्याज़ की क़ीमत 480 रुपये किलो, टमामर 360 रुपये किलो, एक अंडे की क़ीमत 42 रुपये, चीनी की क़ीमत 330 रुपये किलो ,दाल की क़ीमत 650 रुपये से 1000 रुपये किलो, श्रीलंका में एक बार फिर से दूध की क़ीमतों में एक बार फिर से इज़ाफ़ा देखा जा रहा है. मिल्क पाउडर की क़ीमत 1 ली. 1500 श्रीलंकाई रुपये से ज़्यादा हो चुकी है. वहीं चावल की क़ीमतों में भी इज़ाफ़ा हो गया है. अब पाकिस्तान से इंपोर्ट हुए चावल की क़ीमत 550 रुपये से 600 रुपये प्रति किलो हो चुकी है.
कर्ज़ के बोझ तले दबा है श्रीलंका
कर्ज के बोझ तले दबे श्रीलंका को उबारने के लिए बड़े पैकेज की जरूरत है. श्रीलंका पर दुनियाभर के देशों के साथ आईएमएफ और वर्लड बैक का कर्ज़ा है. ये कर्ज़ इतना ज्यादा हो चुका है जो लंका की तबाही का बड़ा कारण बन गया, इस समय श्रीलंका पर 45 अरब डॉलर का कर्ज़ है. जिसमें सिर्फ चीन का ही 18 अरब डॉलर का कर्ज़ है यानी श्रीलंका को कर्ज़ से उबरने के लिए ब्याज मिलाकर करीब 6-7 बिलियन डॉलर का कर्ज़ हर साल 10 साल तक उतारना होगा. तभी श्रीलंका आर्थिक संकट से उबरेगा. वहीं देश को चलाने के लिए पर्यटन के ठप पड़े रास्तों को खोलना होगा. जो अभी मुम्किन नहीं लग रहा है. वहीं भारत श्रीलंका की बड़ी मदद करने में जुटा है. चावल, डीज़ल और आर्थिक पैकज के लिए भारत ने श्रीलंका को बड़ी मदद पहुंचाई है. दवाओं से लेकर खाने तक का इंतेज़ाम भारत ने किया है जिससे श्रीलंका के लोगों को बचाया जा सके.
HIGHLIGHTS
- एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमत 5000 रुपए के पार
- एक डॅालर की कीमत 364 श्रीलंकाई रुपए हुई
Source : Sayyed Aamir Husain