भारत-पाकिस्तान संबंधों की ‘दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति’ का अफगानिस्तान पर अत्यधिक असर पड़ने का दावा करते हुए पूर्व अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई ने गुरूवार को कहा कि दो पड़ोसियों के साथ संबंधों में संतुलन बनाकर रखना उनके देश के लिए मुश्किल हो गया है. करजई ने यह भी कहा कि तालिबान के साथ बातचीत अफगानिस्तान में आगे की दिशा में एक कदम है. उन्होंने कहा, 'यह हमारी लड़ाई नहीं है. यह हमारा संघर्ष नहीं है. यह किसी और का संघर्ष है.' करजई ने यहां रायसीना डायलॉग के एक सत्र में कहा, 'हम इसमें क्यों मरें, तालिबान का उनके खुद के देश के खिलाफ संघर्ष में इस्तेमाल क्यों होना चाहिए, अपने ही देश और जनता के खिलाफ इस संघर्ष में हमें क्यों इस्तेमाल होना चाहिए. यह अफगान लोगों की अफगान से संघर्ष की बात नहीं है. यह अफगान लोगों को दूसरे अफगान के खिलाफ रखे जाने की बात है जिसे हमें समाप्त करना होगा.'
अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी पर करजई ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग इस बात से सहमत होंगे कि अफगानिस्तान में अमेरिकी मौजूदगी ने देश को शांतिपूर्ण बनाया और अफगान लोगों को सम्मानजनक तरीके से रहने का अवसर दिया, उनकी राजनीति और संस्थाओं से हस्तक्षेप नहीं किया गया और उनकी संप्रभुता को आहत नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि अगर इन शर्तों को पूरा किया जाता तो अमेरिका को बात रखने का अधिकार मिल सकता है लेकिन फैसला अफगान जनता को संस्थाओं के माध्यम से करना होगा. पाकिस्तान के साथ संबंधों के बारे में पूछे जाने पर करजई ने कहा कि अफगानिस्तान पर उसका असर किसी अन्य देश से बहुत ज्यादा है तथा काबुल को इस्लामाबाद को बताना होगा कि नयी दिल्ली के साथ करीबी संबंधों का उनके रिश्ते पर असर नहीं होगा.
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पूर्व अफगान राष्ट्रपति ने कहा, 'भारत अफगानिस्तान का सबसे अच्छा दोस्त है. भारत ने अफगानिस्तान में अपार योगदान दिया है, लेकिन पाकिस्तान जो प्रभाव अफगानिस्तान पर डाल सकता है, वह किसी अन्य देश से कहीं ज्यादा है.' उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों की दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति ने अफगानिस्तान को बुरी तरह प्रभावित किया है. उन्होंने कहा, 'हमने इसमें संतुलन का प्रयास किया, लेकिन यह काम बहुत ही मुश्किल है.' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और ईरान, अफगानिस्तान के सबसे अधिक महत्वपूर्ण तथा परिणामोन्मुखी पड़ोसी हैं और यह हम पर अमेरिकी की मौजूदगी में या उसके बिना गहरा असर डाल सकता है.
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करजई ने कहा, 'पाकिस्तान का सबसे ज्यादा असर है. इसलिए, अफगानिस्तान में शांति इस बात पर बहुत निर्भर करती है कि हम पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों को कैसे बढ़ाते हैं. हम उनके साथ बेहतरीन रिश्ते चाहते हैं.' करजई ने कहा, 'हम भारत के सर्वश्रेष्ठ दोस्त बनना चाहते हैं और अफगानिस्तान के लोग भारत के सबसे अच्छे दोस्त साबित हुए हैं, लेकिन हम पाकिस्तान को बताएंगे कि भारत के साथ हमारा रिश्ता हमें पाकिस्तान का सबसे अच्छा भाई और दोस्त बनने से नहीं रोकने वाला. यह संदेश देना बहुत मुश्किल काम है लेकिन हमें यह करना होगा.'