Advertisment

यह पाकिस्‍तान है भारत नहीं, सबके हक की हिफाजत होगी: इस्लामाबाद हाईकोर्ट

इस्लामाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनल्लाह ने सोमवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि यहां सभी के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की जाएगी, क्योंकि यह भारत नहीं है, बल्कि पाकिस्तान है.

author-image
Sunil Mishra
New Update
Islamabad HC

यह पाकिस्‍तान है भारत नहीं, सबके हक की रक्षा होगी: इस्लामाबाद हाईकोर्ट( Photo Credit : IANS)

Advertisment

इस्लामाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनल्लाह ने सोमवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि यहां सभी के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की जाएगी, क्योंकि यह भारत नहीं है, बल्कि पाकिस्तान है. मुख्य न्यायाधीश ने पश्तून तहफूज आंदोलन (पीटीएम) और अवामी वर्कर्स पार्टी (एडब्ल्यूपी) के 23 कार्यकर्ताओं की जमानत याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए मामला समाप्त कर दिया, जिन्हें पीटीएम प्रमुख मंजूर पश्तीन की गिरफ्तारी के विरोध में इस्लामाबाद पुलिस ने पिछले महीने गिरफ्तार किया था.

यह भी पढ़ें : FATF की बैठक से पहले इमरान खान ने किया दावा, पाकिस्तान अब आतंकियों का पनाहगाह नहीं

डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, जैसे ही इस्लामाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनल्लाह ने 23 प्रदर्शनकारियों द्वारा दायर जमानत याचिकाओं की सुनवाई फिर से शुरू की, इस्लामाबाद के उपायुक्त हमजा शफकत ने अदालत को बताया कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सभी आरोप हटा दिए गए हैं.

डिप्टी कमिश्नर के बयान के आधार पर अदालत ने प्रदर्शनकारियों की जमानत याचिकाओं फैसला करते हुए मामले को खत्म किया. मुख्य न्यायाधीश मिनल्लाह ने कहा, "इस्लामाबाद प्रशासन के बयान के बाद सभी याचिकाएं निष्प्रभावी हो गई हैं." दो फरवरी को अदालत को बताया गया कि धारा 124-ए (देशद्रोह से संबंधित) हटा दी गई थी, लेकिन एफआईआर में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आतंकवाद विरोधी अधिनियम (एटीए), 1997 की धारा 7 को डाला गया था.

यह भी पढ़ें : जामिया लाइब्रेरी में मचे 'कोहराम' का सच आया सामने, Video देख हैरान रह जाएंगे आप

इसके बाद अदालत ने मंगलवार को एक मजिस्ट्रेट से उन लोगों के खिलाफ राजद्रोह के आरोप लगाने के लिए स्पष्टीकरण मांगा था, जिन्हें विरोध के दौरान हिरासत में लिया गया था. कार्यवाही के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "हम उम्मीद नहीं करते हैं कि एक लोकतांत्रिक सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाएगी."

उन्होंने कहा, "एक निर्वाचित लोकतांत्रिक सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश नहीं लगा सकती है। हमें आलोचना का डर नहीं होना चाहिए." न्यायमूर्ति मिनल्लाह ने कहा, "सभी के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की जाएगी। यह पाकिस्तान है, भारत नहीं." उन्होंने कहा, "अगर आप विरोध करना चाहते हैं, तो अनुमति प्राप्त करें. यदि आपको अनुमति नहीं मिलती है तो फिर यहां अदालत है."

Source : IANS

INDIA pakistan Islamabad High Court Athar Minallah
Advertisment
Advertisment