Titan Submarine Missing : आपने 'टाइटैनिक' का नाम जरूर सुना होगा, जोकि वाष्प आधारित दुनिया का सबसे बड़ा यात्री जहाज था और ये समुद्र की गहराई में डूब गया था. टाइटैनिक जहाज के मलबे को दिखाने गई पनडुब्बी टाइटन अचानक से समुद्र के अंदर से लापता हो गई है. इस पनडुब्बी में सवार 5 अरबपति लोगों के लिए कुछ ही घंटों की ऑक्सीजन बची हुई है. ऐसे में इसकी तलाश जोरशोर चल रही है, लेकिन अब लोगों के बचने की उम्मीदें भी धीरे धीरे भी धुंधली होती जा रही है.
पनडुब्बी के कमांड शिप पोलर प्रिंस ने पिछले दिनों रविवार को समुद्र में जहाज को उतारा था, लेकिन जहाज से पौने दो घंटे बाद ही संपर्क टूट गया. इसे लेकर पोलर प्रिंस ने यूएस तट रक्षक बलों को कहा कि पनडुब्बी से उनका संपर्क ब्रेक हो गया है. इसके बाद यूएस ने पनडुब्बी की तलाश में एक ऑपरेशन प्रारंभ किया है. इस ऑपरेशन में यूएस और कनाड़ा की एजेंसियों के साथ ही रोबोट्स की भी मदद ली जा रही है.
छोटी कैप्सूल के आकार की थी पनडुब्बी
समुद्र की गहराई से लापता पनडुब्बी कैप्सूल आकार की थी. इस टाइटन की ऊंचाई 2.5 मीटर, लंबाई 6.7 मीटर और चौड़ाई 2.8 मीटर है. इस पनडुब्बी में महज 96 घंटे की ऑक्सीजन के साथ सिर्फ पांच लोग ही जा सकते हैं. साथ ही पनडुब्बी में 21 इंच व्यास की एक खिड़की भी है, जिससे लोग बाहर देख सकते हैं.
टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने गए लोगों की अब क्या होगी स्थिति
पनडुब्बी के अंदर लोगों की बैठने की बात तो दूर पैर पसारने तक की जगह नहीं है. इसमें जैसे तैसे सिर्फ पांच लोग ही फर्श पर बैठ सकते हैं, क्योंकि पनडुब्बी में न तो कुर्सी है और न सीट... जब लोग पनडुब्बी में सवार हुए थे उनके पास सीमित मात्रा में खाना-पानी थी.
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जानें टाइटैनिक से पहुंचने में कितना लगता है समय
टाइटैनिक तक किसी भी पनडुब्बी के आने-जाने में सिर्फ 8 घंटे का वक्त लगता है. समुद्र की 12,500 फीट गहराई में टाइटैनिक का मलबा है, जबकि समुद्र के पानी में महज 660 फीट तक ही सूरज की रोशनी पहुंच पाती है. पनडुब्बी का वहां तक पहुंचने में 2 घंटा, टाइटैनिक के मलबे को देखने के लिए 4 घंटा और वहां से वापसी में दो घंटा लगता है.