सीरीयाई सेना विद्रोहियों के इलाके के करीब है और अलेप्पो शहर पर फिर से कब्ज़ा करने वाली हैं। विरोधियों के इलाके में हज़ारों नागरिक फंसे हुए हैं। यह लड़ाई अपने अंतिम दौर में है और यहां फंसे हुए नागरिक ट्विटर पर अपना संदेश भेज रहे हैं।
सात साल की बाना अलबेद और उसकी मां फातिमा दोनों ट्विटर पर सितंबर से पूर्वी अलेप्पो की बर्बादी और भयावहता की जानकारी दे रहे हैं। दोनों ने इस संकट से बचाने के लिये
दुनिया से कई बार गुहार लगाई लेकिन उनकी सहायता के लिये कोई नहीं आया। हारकर उन्होंने अब ट्विटर पर अपना अंतिम संदेश भेजा है।
Final message - people are dying since last night. I am very surprised I am tweeting right now & still alive. - Fatemah #Aleppo
— Bana Alabed (@AlabedBana) December 12, 2016
संयुक्त राष्ट्र की तरफ से लड़ाई को रोकने के आग्रह को सीरिया और रूस दोनों ने नज़रअंदाज़ किया है। रूसी और सीरियाई अधिकारियों ने लड़ाई को तबतक जारी रखने की बात कही है जबतक कि विद्रोही आत्मसमर्पण नहीं कर देते या फिर मारे नहीं जाते।
I would like to thank all the humans whose stood for the humanity with our case, i will never forget you if we passed to the other life
— Monther Etaky (@montheretaky) December 12, 2016
नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने और सहायता पहुंचाने के लिये विद्रोहियों और सरकार के बीच समझौते की गुंजाइश कम दिख रही है।
लड़ाई वाले इलाके में फंसे लोगों में निराशा का आलम ये है कि लोग अपने जीने की इच्छा और उम्मीद छोड़ चुके हैं। एक विडियो में वहां की नागरिक और सामजिक कार्यकर्ता लीना शामी ने कहा है कि हो सकता है कि ये उनका अंतिम विडियो हो। साथ ही यह भी बताया कि "नागरिक बहुत ही छोटे इलाके में फंसे हुए हैं" और उनके लिये कोई "न तो सुरक्षित जगह है और न ही जीने की उम्मीद।"
To everyone who can hear me!#SaveAleppo#SaveHumanity pic.twitter.com/cbExEMKqEY
— Lina shamy (@Linashamy) December 12, 2016
कई नागरिक ऐसे भी हैं जिन्हें सरकार के कब्जे वाले इलाके में जाने में डर लग रहा है। उनको डर है कि कहीं उन्हें बंदी बनाकर प्रताड़ित न किया जाए या फिर उन्हें मार न दिया
जाए।
the last massage. Thanks for everything. we shared many moments. The last tweets were from an emotiomal father. Farewell, #Aleppo
— @Mr.Alhamdo (@Mr_Alhamdo) December 12, 2016
एक नागरिक जिसने खुद को टीचर और सामाजिक कार्यकर्ता बताया है। उसने अलविदा कहते हुए अपने ट्वीट में कहा है कि वो सरकार के हाथों क्यों नहीं पड़ना चाहता है... उसका कहना है कि कहीं उसे मौत देने की जगह प्रताड़ित न किया जाए।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक सीरियाई सेना नागरिकों की हत्या भी कर रही है। इलाकों में 82 नागरिक मारे गए हैं, जिनमें 11 महिलाएं और 13 बच्चे शामिल हैं।
एक स्वतंत्र पत्रकार जोहर एलशिमाले ने एक विडियो में कहा कि यहां पूरी तरह से अराजकता है।
#Aleppo yesterday & over the past months that draw us to die or on the edge of death every minute.#SOS #SaveAleppo https://t.co/Q0GR0UD43a
— Zouhir_AlShimale (@ZouhirAlShimale) December 13, 2016
कई ऐसे भी हैं कि जो सीरियाई सेना के आगे बढ़ने पर खुशी भी मना रहे हैं।
Don't worry captured terrorists we will not kill u in cold blood nor will we chop your heads like u did to our captured soldiers! pic.twitter.com/JjZz3CnKQ7
— Fares Shehabi (@ShehabiFares) December 12, 2016