पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फ्लोरिडा में एक संघीय न्यायाधीश से कहा कि वह ट्विटर से अकाउंट बहाल करने के लिए कहें. ट्रंप के अकाउंट को कंपनी ने जनवरी में हिंसा भड़काने के जोखिम का हवाला देते हुए बंद कर दिया था. ट्रम्प ने फ्लोरिडा के दक्षिणी जिले के अमेरिकी जिला न्यायालय में ट्विटर के खिलाफ प्रारंभिक निषेधाज्ञा के लिए एक अनुरोध दायर किया था. ब्लूमबर्ग न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई में डोनाल्ड ट्रंप ने जुलाई में फेसबुक और अल्फाबेट की गूगल और चीफ एग्जिक्यूटिव्स पर मुकादमा दायर किया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि ये कंपनीज गैरकानूनी तरीके से रूढ़िवादी सोच को चुप कराती हैं.
कोर्ट में ट्रम्प ने तर्क दिया कि ट्विटर ने पूरे अफगानिस्तान में तालिबान को अपनी सैन्य जीत के बारे में नियमित रूप से ट्वीट करने की अनुमति दी है, लेकिन राष्ट्रपति पद के दौरान उनके ट्वीट्स को "भ्रामक सूचना" बताकर उन्हें सेंसर कर दिया. इससे यह दर्शाता है कि उन्होंने हिंसा का महिमामंडन करने के खिलाफ कंपनी के नियमों का उल्लंघन किया है. जुलाई में ट्रम्प ने ट्विटर, फेसबुक इंक और अल्फाबेट इंक के गूगल के साथ-साथ उनके मुख्य कार्यकारी अधिकारियों पर मुकदमा दायर किया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि वे गैरकानूनी रूप से रूढ़िवादी दृष्टिकोण को चुप करा रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ट्विटर के खिलाफ प्राथमिक आदेश के लिए ट्रंप का केस मियामी में शुक्रवार देर रात दायर किया गया. इसमें दावा किया गया कि सोशल मीडिया कंपनी ने कांग्रेस में उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के दबाव में जनवरी में उनका ट्विटर अकाउंट बंद कर दिया था. हालांकि ट्विटर ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. ट्रंप के प्रतिनिधियों ने भी फिलहाल कुछ नहीं कहा है. ट्रंप के ट्विटर पर 88 मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स थे. राष्ट्रपति जो बाइडन की जीत की कांग्रेस द्वारा पुष्टि होने से रोकने के लिए उनके समर्थकों की भीड़ द्वारा कैपिटल हिल पर घातक हमला करने के दो दिन बाद कंपनी ने 8 जनवरी को उनका अकाउंट स्थायी रूप से ब्लॉक कर दिया था.
HIGHLIGHTS
- पूर्व राष्ट्रपति का अकाउंट जनवरी में बंद कर दिया था
- हिंसा भड़काने के जोखिम का हवाला देकर किया था सस्पेंड
- ट्रंप के ट्विटर पर 88 मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स