राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कुछ मुस्लिम देशों से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगाने संबंधी आदेश पर बुधवार को एक अमेरिकी संघीय न्यायाधीश ने रोक लगा दी है। कोर्ट ने ट्रंप द्वारा रिफ्यूजी और छह मुस्लिम देशों से आने वाले नागरिकों पर अमेरिका में घुसने से लगाए गए बैन की कड़ी निंदा करते हुए उसे हवाई राज्य में लागू करने से साफ़ इनकार कर दिया है।
हवाई, अमेरिका के उन राज्यों में से एक है जो ट्रंप के इस प्रतिबंध को रोकने की कोशिश में है।
अमेरिकी ज़िला न्यायाधीश डेरिक वाटसन ने बैन के आदेश पर आपातकालीन रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि इसे हवाई राज्य में लागू करना बहुत बड़ी चुनौती होगी। साथ ही यह हमारे देश पर कभी नहीं ठीक होने वाला ज़ख्म छोड़ जाएगा। मुकदमे में तर्क दिया गया था कि इस नए कानून में मुसलमानों के साथ भेदभाव किया जा रहा है।
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बता दें कि राष्ट्रपति ट्रंप का प्रतिबंध संबंधी आदेश गुरुवार रात से ही लागू होना था। इस नए कानून पर रोक लगना ट्रंप प्रशासन के लिए बहुत बड़ा झटका है। जहां वे अस्थायी रूप से शरणार्थियों पर प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ 6 प्रमुख मुस्लिम देशों के यात्रियों पर भी अस्थायी प्रतिबंध लगाना चाह रहे हैं।
राष्ट्रपति ट्रंप का दावा है कि उनके प्रतिबंधों से चरमपंथ को अमेरिका में दाख़िल होने से रोका जा सकेगा। लेकिन आलोचकों का कहना है कि इस तरह का निर्णय लेना भेदभाव भरा होगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने इससे पहले जनवरी में 7 देशों के मुसलमानों के अमेरिका आने पर रोक लगाई थी, लेकिन अदालत ने इस रोक को खारिज कर दिया था। बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति ने 6 देशों के नागरिकों का नाम बैन लिस्ट में शामिल किया था, इनमें सीरिया, लीबिया, ईरान, सोमालिया, सूडान और यमन के नागरिक शामिल थे। नयी सूची में ट्रम्प ने इराक का नाम बैन लिस्ट से हटा दिया था।
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Source : News Nation Bureau